जेल के अंदर से अपनी गैंग को करता था ऑपरेट, कारनामा सुन कर आप भी रह जाएंगे दंग

मटका किंग सुरेश भगत (suresh bhagat) के हत्यारे गैंगस्टर हरीश मांडविकर के गैंग के दो आरोपियों द्वारा जेल से ही गवाहों को धमकाने का मामला सामने आया है।

जेल के अंदर से अपनी गैंग को करता था ऑपरेट, कारनामा सुन कर आप भी रह जाएंगे दंग
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मुंबई पुलिस (Mumbai police) मुंबई में एक भी गैंग सक्रिय नहीं होने का भले ही कितना दावा कर ले, लेकिन पुलिस का यह दावा कितना खोखला है, यह इस घटना से पता चलता है कि, अब अपराधी जेल से ही अपनी गैंग को ऑपरेट करने लगे हैं। यह घटना ATS द्वारा की गई एक कार्रवाई से सामने आई है। मटका किंग सुरेश भगत (suresh bhagat) के हत्यारे गैंगस्टर हरीश मांडविकर के गैंग के दो आरोपियों द्वारा जेल से ही गवाहों को धमकाने का मामला सामने आया है।

साल 2015 जून में, आतंकवाद-निरोधी दस्ते (anti terrorist squad) ने मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया था। इस कार्रवाई में ATS ने लगभग 155 किलोग्राम कच्चा और तैयार मेफेड्रोन (MD) जब्त किया गया था। कार्रवाई में मुख्य आरोपी साजिद इलेक्ट्रीकवाला सहित कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मुख्य आरोपी साजिद 2005 से मुंबई सेंट्रल जेल, आर्थर रोड में बंद है और उसे कई प्रयासों के बावजूद जमानत नहीं मिली है।  इस मामले की सुनवाई विशेष एनडीपीएस कोर्ट (NDPS Court) में चल रही है। साथ ही एटीएस (ats) की चारकोप इकाई मामले की जांच कर रही है। इस बीच, मुंबई में कोरोना (Covid19) संकट के कारण इन अपराधों की जांच में देरी हुई है। इस पूरे मामले में कांदिवली के रहने वाले सुधीर नामके एक व्यक्ति की गवाही को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जब ट्रायल फिर से शुरू हुआ, तो गवाह को 26 नवंबर को गवाही देने के लिए कोर्ट में बुलाया गया। हालांकि, एक हफ्ते पहले, मांडवीकर गिरोह के एक आरोपी सुजीत पडवलकर ने एक गवाह को धमकी देते हुए उससे झूठी गवाही देने को कहा।

सुधीर, ने शुरू में मिल रही धमकियों को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन जब लगातार चार-पाँच दिनों तक उसकी धमकियाँ जारी रहीं, तो उसने चारकोप एटीएस के पास इसकी शिकायत की।

सूचना मिलने पर, एटीएस पुलिस ने आरोपी सुजीत पडवलकर के खिलाफ धारा 195 (ए), 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। अभियुक्त सुजीत पडवलकर ने कबूल किया कि उसने गिरोह के सरगना हरीश मंडविकार के साथी सचिन कोलेकर उर्फ पिंटू के इशारे पर ही धमकी दिया था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी सचिन कोलेकर को भी उसकी संलिप्तता के सबूत मिलने के बाद मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि आरोपी सचिन कोलेकर ने गैंगस्टर हरीशरामा मंडविकार उर्फ गनीगा के निर्देश पर अपराध को अंजाम दिया।  गैंगस्टर हरीश मंडविकार के खिलाफ हत्या के दो मामलों सहित कुल 13 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक में (मटकाकिंग सुरेश भगत हत्या का मामला) उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। हरीश, जो वर्तमान में आर्थर रोड जेल में बंद है, ने अपने साथी सचिन कोलेकर उर्फ पिंटू को जेल के अंदर से एक हस्तलिखित पत्र भेजा, जिससे उसे आरोपी सुजीत पडवलकर के साथ रहने का आदेश दिया था।

जांच में पता चला कि गैंगस्टर हरीश मंडविकार और आरोपी साजिद इलेक्ट्रीवाला दोनों को मुंबई सेंट्रल जेल, आर्थर रोड में रखा गया था। दोनों ने पहले गवाह को डराने के लिए एक साजिश रची थी और साजिश के अनुसार, गैंगस्टर हरीश मंडविकार ने जेल से आरोपी सचिन कोलेकर का नाम लिखा था और अपने पंटरों के माध्यम से आरोपी सचिन होलकर को अवगत कराया था। इस चिट्ठी को हरीश मांडविकर की पत्नी हेमलता मंडविकार, गोरेगांव-मलाड-कांदिवली-बोरीवली क्षेत्र में रहने वाले गुर्गों पत्र भेजती थीं। जांच में गैंगस्टर हरीश मंडविकार और आरोपी साजिद  इलेक्ट्रिकवाला के खिलाफ प्राप्त सबूतों के आधार पर, धारा 120 (बी), 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। आतंकवाद निरोधी दस्ते ने गैंगस्टर हरीश मंडविकार और साजिद इलेक्ट्रीवाला को आर्थर रोड जेल से गिरफ्तार कर गिरफ्तार किया है।

अब इस मामले में आगे की जांच चल रही है कि आखिर गैंगस्टर हरीश मंडविकार जेल के अंदर से कैसे हस्तलिखित नोट भेज कर अपनी गैंग को ऑपरेट करता था।

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