देशमुख ने मांगा था रिश्वत, अनिल परब ने वसूली का दिया था आदेश, सचिन वझे के लेटर से मची खलबली

वझे के इस लेटर के कारण, शिवसेना और NCP के मुश्किल बढ़ने की संभावना है और विपक्षी भाजपा (bjp) को बैठे बिठाये एक और मुद्दा मिल गया है।

देशमुख ने मांगा था रिश्वत, अनिल परब ने वसूली का दिया था आदेश, सचिन वझे के लेटर से मची खलबली
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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (parambeer singh) द्वारा लिखे गए एक लेटर बम ने पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख (anil deshmukh) की नींद वैसे ही उड़ा रखी थी, लेकिन अब एक और लेटर बम सामने आया है। इसे लिखा है निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे (sachin wazhe) ने। साथ ही चौकानें वाली बात यह है कि इस बार इस लेटर बम में शिवसेना (shiv sena) के एक बड़े मंत्री का भी नाम सामने आया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में सचिन वझे ने यह लेटर हाथ से लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि, तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उनकी (वझे) की नियुक्ति के लिए रिश्वत की मांग की थी।

इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, सचिन वझे ने कहा है कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (sharad pawar) मुझे 2020 में पुलिस बल में बहाल करने के फैसले के खिलाफ थे। शरद पवार चाहते थे कि मेरी नियुक्ति रद्द हो। लेकिन अनिल देशमुख ने मुझसे कहा था कि हम शरद पवार को मना लेंगे। देशमुख ने इस काम के लिए मुझसे 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।

इतना ही नहीं, लेटर में लिखा गया है कि, शिवसेना नेता और राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने BMC से जुड़े 50 ठेकेदारों में से हर एक से 2 करोड़ रुपये की फिरौती वसूलने को कहा था।

वझे के इस लेटर के कारण, शिवसेना और NCP के मुश्किल बढ़ने की संभावना है और विपक्षी भाजपा (bjp) को बैठे बिठाये एक और मुद्दा मिल गया है।

बता दें कि, सचिन वझे उद्योगपति मुकेश अंबानी (mukesh Ambani) के घर के पास मिले विस्फोटक और मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में इस समय एनआईए (nia) की हिरासत में हैं।  

यही नहीं अभी हाल ही में मुंबई उच्च न्यायालय ने 100 करोड़ रुपये की फिरौती मामले में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का निर्देश दिया। जिसके बाद देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका राज्य सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में दायर की गई है। राज्य सरकार ने कहा कि सीबीआई राज्य सरकार की पूर्व अनुमति के बिना अनिल देशमुख से पूछताछ नहीं कर सकती।

अनिल परब ने किया खंडन 

इस आरोप के बाद शिवसेना नेता अनिल परब ने आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि, मैं दोनों लड़कियों की कसम खाता हूं, मैं बालासाहेब की कसम खाता हूं, मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। यह मुझे बदनाम करने की कोशिश है। बीजेपी नेता दो-तीन दिन से चिल्ला रहे थे। वे एक और शिकार के लिए कह रहे थे। मेरा मतलब है, यह मामला पहले से ही ज्ञात था। भाजपा को पहले से ही पता था कि सचिन वझे आज एक पत्र देने वाले हैं इसलिए वह तीसरेे विकेट के चक्कर में थे। एक आरोप मेरे खिलाफ, फिर अनिल देशमुख के खिलाफ एक आरोप और अजित पवार के करीबी व्यक्ति घोडावत के बदले की जानकारी गुटखा मामले में मदद के लिए। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि इस तरह की जांच चल रही है। मैं BMC के ठेकेदार से भी परिचित नहीं हूं। इसके लिए मैं किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं।

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