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इस साल ‘नो हॉर्न’ प्लीज!


इस साल ‘नो हॉर्न’ प्लीज!
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मुंबई शहर बड़ी आवादी भीड़भाड़ वाला शहर है। लाखों की संख्या में वाहन चलते हैं जिसके चलते प्रदूषण का खतरा बढ़ा है। इसमें ध्वनि प्रदूषण का खतरा भी बड़ा तादात में बढ़ा है। इसे रोकने के लिए मुंबई की समाजिक संस्था आवाज फाउंडेशन सामने आई है।

आवाज ने 2018 में ध्वनी प्रदूषण को कम करने का व्रत लिया है। यह संस्था पिछले अनेक सालों से ध्वनी प्रदूषण जैसे विषयों पर कार्यरत है। अब इस संस्था ने राज्य परिवहन विभाग और मुंबई पुलिस के सहयोग से हॉर्न व्रत मुहिम शुरु की है।

आवाज फाउंडेशन के अनुसार मुंबई जैसे शहर में एक घंटे में 1 करोड़ 80 लाख बार भारी हॉर्न वजाए जाते हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस शहर में लगभग 30 लाख वाहन हैं। उनकी आवाजाही की तुलना उससे अधिक है।  आवाज फाउंडेशन की मुहिम है कि बिना कारण हॉर्न नहीं बजाया जाए।

हॉर्न व्रत मुहिम में आवाज फाउंडेशन की ओर से कुछ रिक्शा संगठनों को भी शामिल किया गया है। मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया में शनिवार को आवाज फाउंडेशन की तरफ से एका रिक्शा में बहुत सारे हॉर्न लगाए गए थे। साथ ही संदेश दिया गया था कि बिना किसी वजह के हॉर्न  ना बजाया जाए।

सोमवार से मुंबई शहर में आवाज कैसे कम होगी, इसके लिए कुछ रिक्शा चालकों ने आवाज फाउंडेशन को सहयोग देते हुए जनजागृति में रुचि दिखाई है।

आवाज फाउंडेशन के संयोजक सुमायरा अब्दुलली ने बताया, ये रिक्शा सोमवार से जनजागृती करेंगे, दक्षिण मुंबई के महत्वपूर्ण हिस्सों की आगे 10 दिनों यात्रा करेंगे। जिसके बाद पश्चिम और पूर्व उपनगरों की दिशा में जनजागृती फैलाई जाएगी।  

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