देश के राष्ट्रपति पद के लिए सोमवार को महाराष्ट्र में भी चुनाव हुआ। इस चुनाव में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित अनेक विधयाकों और सांसदों ने विधान भवन जाकर अपना वोट दिया।
जब विधान भवन में राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग पड़ रही थी तभी एनसीपी के नेता छगन भुजबल को पुलिस ने अपनी सुरक्षा में वोट करने के लिए लाया। भुजबल ने मांग की थी कि एक विधायक होने के नाते उन्हें भी इस चुनाव में वोट देने की अनुमति मिले। छगन भुजबल भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें इसीलिए पुलिस ने उन्हें यहाँ लाया था।
यही नहीं भुजबल के अलावा एक और आरोपी विधायक को वोटिंग करने के लिए लाया गया था वो हैं, रमेश कदम, जी हैं! वहीँ रमेश कदम जिनका अभी हाल ही में एक पुलिस वाले को धमकाने वाला वीडियो वायरल हुआ था। छगन भुजबल और रमेश कदम दोनों मनी लौंड्रीग के आरोप में जेल में हैं।
भुजबल ने आते ही कहा कि मेरे जीत जी अगर मेरा निर्दोष सिद्ध होता है तो अच्छा होगा, नहीं तो मेरे मरने के बाद लोग मुझे ही दोषी समझेंगे। उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि मुझे निर्दोष साबित होने तक मुझे जीवित रखे।
बहुजन विकास आघाड़ी के क्षितिज ठाकुर ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया।इससे कुल 288 विधायक की जगह 287 विधयाकों के ही वोट पड़ें। बताया गया कि क्षितिज विदेशी दौरे पर हैं इसीलिए वे नहीं आ सकें।
इनके अलावा मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित भाजपा के गिरीष महाजन, पंकजा मुंडे, विनोद तावड़े, एकनाथ खडसे तो शिवसेना के सुनील प्रभू सहित अन्य लोगों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
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