मुंबई से सटे पालघर (palghar) के वसई इलाके से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है। खबर जे मुताबिक अस्पताल ने बिना जांचे एक मरीज की डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी। जिसके बाद उस व्यक्ति के अंतिम संस्कार में लगभग 500 लोग शामिल हुए। लेकिन बाद में मरे हुए व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉज़िटिव (corona positive) आई, जिसके बाद अब 500 लोगों पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।
बताया जाता है कि वसई के कार्डिनल ग्रेसियस अस्पताल में 55 वर्षीय व्यक्ति को एडमिट कराया गया। लेकिन इस व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई। अस्पताल द्वारा दी गयी रिपोर्ट के मुताबिक मरीज की मौत किडनी फेल होने की वजह से हुई थी। हालांकि इस मरीज का कोरोना टेस्ट भी कराया गया था लेकिन रिपोर्ट आनी बाकी थी। रिपोर्ट आने के पहले से अस्पताल ने डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी। इसके बाद उस व्यक्ति के अंतिम संस्कार में काफी लोग शामिल हुए थे। जब व्यक्ति के कोरोना (Covid-19) जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो हड़कंप मच गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार डेड बॉडी के संपर्क में आने वाले सभी लोगों 40 होम क्वारंटाइन कर दिया गया है। इस मामले में अस्पताल की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। प्रोटोकॉल के अनुसार, पहले डेड बॉडी की कोरोना जांच की जाती है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही बॉडी परिजनों को सौंपी जाती है, ताकि सुरक्षा के मद्देनजर परिवार वालों को पहले ही सूचित किया जा सके।
हालांकि, एक बयान में वसई अस्पताल के महाप्रबंधक ने कहा है कि जब मरीज को भर्ती कराया गया था तो वह COVID-19 के उसमें कोई लक्षण नहीं था। इसलिए, उन्होंने परिवार के सदस्यों की मांग के बाद डेड बॉडी को सौंप दिया।
प्रशासन को जब मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिली तो सबसे पहले परिवार के 40 लोगों को क्वारेंटिन में भेज दिया गया। इधर परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है।