गिरगांव - गिरगांवकर ने बप्पा की जय जयकार के बीच नम आंखो से उन्हें विदाई दी। घरगुती गणपति को सुबह विसर्जन की पुरानी परंपरा है जिसे भक्तों नें निभाया। पर भारी बारिश की वजह से थोड़ा विलंब जरूर हुआ।
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