शिवसेना के उद्धव ठाकरे समुह को एकनाथ शिंदे समुह ने एक और झटका दिया है। ठाकरे परिवार के करीबी और वफादार माने जाने वाले चंपासिंह थापा ( Champa]singh thapa) ठाकरे परिवार को छोड़कर शिंदे समूह में शामिल हो गए हैं।
चंपासिंह थापा दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ( shiv sena bala saheb thackerya) के समय से ठाकरे परिवार में हैं। उन्हें बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का काफी करीबी माना जाता है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे में देवी का जुलूस निकाला, उस जुलूस में चंपासिंह थापा ने भाग लिया। इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चम्पासिंह थापा का शॉल और फूलों का गुच्छा देकर स्वागत किया। थापा ने कहा कि वह अब से शिंदे समूह के साथ रहेंगे।
बालासाहेब के विचारों का समर्थन - मुख्यमंत्री
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि थापा ने बालासाहेब के हिंदुत्व विचारों का समर्थन किया। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के साथ छाया की तरह रहनेवाले चंपासिंह थापा भी शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। उन्होंने मुझसे कहा, आप बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं, आप हिंदुत्व के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं, आप कुछ ऐसा कर रहे हैं जो 2019 में नहीं होना चाहिए था, इसलिए जो भी बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे बढ़ा रहा है, वह उनके साथ रहेगे।
कौन हैं चंपासिंह थापा?
कई साल पहले चंपासिंह थापा नेपाल से मुंबई आए थे। छोटे-मोटे काम करके रोजी-रोटी कमाने वाला यह लड़का भांडुप पार्षद केटी थापा के साथ 'मातोश्री' आया था और यहीं से उसने अपने आप को बालासाहेब को अर्पित कर दिया। बालासाहेब की निगाहों ने ईमानदार थापा को देखा। तभी से थापा बालासाहेब की परछाई बन गए। थापा ने बालासाहेब की दिनचर्या का ध्यान रखने और उनकी सेवा करने का संकल्प लिया। बालासाहेब की मृत्यु तक उनकी देखभाल करने वाले थापा कम समय में मातोश्री परिवार के सदस्य बन गए।
मातोश्री पर कई राजनीतिक घटनाओं को बहुत करीब से देखा
चंपासिंह थापा बालासाहेब ठाकरे के करीबी विश्वासपात्र थे। थापा ने बीमारी के दौरान बालासाहेब का बहुत ख्याल रखा। वह भी बालासाहेब के अंतिम संस्कार में शामिल थे। थापा ने मातोश्री पर कई राजनीतिक घटनाओं को बहुत करीब से देखा। वह इन सभी घटनाओं के प्रमुख गवाह रहे हैं।