अक्षय कुमार उन गिने चुने बॉलीवुड एक्टर में से एक हैं, जिन्होंने खुद के दम पर बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक मुकाम हासिल किया है। अक्षय साल में 3-4 फिल्में करते हैं और दर्शक उनकी फिल्मों को हाथों हाथ लेते हैं। बॉलीवुड में एक ओर जहां इतनी चकाचौध हैं, हरेक रात पार्टी चलती रहती हैं। पर अक्षय हमेशा पार्टियों से दूर रहते हैं। वे एक डिसप्लीन लाइफ जीते हैं।
साथ ही उनका मानना है कि वे अगर एक्टर नहीं होते तो आर्मी में या पुलिस की नौकरी में होते। इसलिए जब भी किसी फिल्म में अक्षय को किसी यूनिफॉर्म में देखा जाता है, तो उनके अंदर एक अलह हू जुनून नजर आता है। इस किरदार को वे दिल से जीते हैं। ‘केसरी’ के बाद अक्षय दर्शकों के सामने ‘मिशन मंगल’ फिल्म लेकर आ रहे हैं। यह फिल्म 2014 में सफल हुए मंगलयान पर आधारित है। यह देशवासियों के लिए गौरव का पल था। अब इसी क्षण को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बड़े पर्दे पर दर्शक देख सकेंगे। फिल्म की रिलीज से पहले हमने अक्षय कुमार से खास मुलाकात की। इस मौके पर अक्षय ने फिल्म और पर्सनल जिंदगी से जुड़े सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
बच्चों के लिए खास
अक्षय का अविस्कार
अविस्कार के सवाल पर अक्षय ने कहा, मेरे पिता जी ने मुझे 175 रुपए का ट्रांजिस्टर (रेडियो) लाकर दिया था, उस समय ट्रांजिस्टर बहुत बड़ी चीज होती थी। मैं उसे कान के पास रखकर घूमता था, गाने सुनता था, कॉमेंट्री सुनता था। एक दिन मैंने अपने पिता जी को बोला देखो, मैंने क्या अविस्कार किया है? मैंने ट्रांजिस्टर का मैगनेट फेंका और वह लोहे की अलमारी पर चिपक गया। पिता जी ने कहा तुमने ये क्या किया? मैं बोला मैगनेट का अविस्कार (हंसते हुए...)। यही अक्षय का अविस्कार था।
साइंस में होम साइंस का प्रयोग
दिखेगा स्पेस
जिस तरह से हॉलीवुड की फिल्म ‘द मार्शियन’ और ‘ग्रैविटी’ में स्पेस की दुनिया दिखाई गई है। उसी तरह से ‘मिशन मंगल’ में भी स्पेस को दिखाया जाएगा? इस पर अक्षय ने कहा, हां स्पेस को दिखाया जाएगा। पर ‘द मार्शियन’ में इंसान को दिखाया गया था, पर इसमें हमनें सेटेलाइट को भेजा है, वह दिखाया जाएगा।
सिर्फ 32 दिन में बनी ‘मिशन मंगल’
4 साल तक घूमी ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ की कहानी
अक्षय ने कहा, मैं किस्मत को काफी श्रेय देना चाहता हूं, यह लक ही है कि मेरे पास 'एयर लिफ्ट' 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ और ‘पैडमैन’ जैसी फिल्में आई। 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ की कहानी फिल्ममेकर्स के पास 4 सालों तक घूमती रही, उसकी कहानी किसी को समझ में नही आई। पर पता नहीं मुझे वह समझ में आ गई।
सोच के साथ साथ लक जरूरी
देखें 'मिशन मंगल' ट्रेलर-