Lockdown impact: ईंधन की खपत में भारी कमी

कोरोना यानी Covid-19 के तेजी से फैलने पर अंकुश लगाने के लिए देश भर में 21 दिनों के तालाबंदी (lockdown) की घोषणा की गई है।  लॉकडाउन पिछले महीने महीने 24 मार्च को लागू हुआ था।  लॉकडाउन का प्रभाव सभी क्षेत्रों पर पड़ रहा है। इसका असर ईंधन की खपत पर भी पड़ा है। लॉकडाउन के ईंधन की खपत में उल्लेखनीय कमी आई है, बताया जाता है कि पिछले 10 सालों में ऐसी कमी नहीं आई थी।

देश में मार्च महीने में कुल ईंधन की खपत में 18 फीसदी की गिरावट आई थी। रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 सालों में यह सबसे बड़ी गिरावट है।  लॉकडाउन के कारण नागरिकों को अपने घर से निकलने पर मनाही है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप्प है इसीलिए ईंधन की खपत पर असर पड़ा है।  आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में 17.79 प्रतिशत की गिरावट आई है।  पिछले महीने, पूरे देश में 1.68 लाख टन ईंधन की खपत हुई थी।

9मार्च में डीजल की खपत में भी भारी गिरावट आई है।  देश में डीजल की मांग 24.23 फीसदी घट कर अब 56 लाख टन से भी नीचे आ गई है।  यह डीजल की मांग और खपत में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।  लॉकडाउन ने राजमार्ग ट्रकों और कंटेनरों पर यातायात को कम कर दिया।  इससे डीजल की मांग पर असर पड़ा है।

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