कोरोना के कारण विश्व भर में 30 करोड़ लोगों की जॉब खतरे में

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण अधिकांश देशों में लॉकडाउन (lockdown) लागू किया गया है। इस लॉकडाउन के कारण दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था (economy) पटरी से उतर गयी है। इसका खामियाजा छोटे बड़े उद्योगों सहित नोकरीपेशा और मजदूर वर्ग सभी उठा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में लगभग 30 करोड़ नौकरियों पर खतरा लटक रहा है।

श्रम संगठन (ILO) का कहना है कि अप्रैल से जून तक तीन महीनों में करीब 30.5 करोड़ लोग अपनी नौकरी खो देंगे।  

बताया जाता है कि कोरोना के कारण संगठन को अपनी रिपोर्ट में बदलाव करना पड़ा है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का कहना है कि कोरोना की वजह से अनौपचारिक क्षेत्र में 1.6 अरब श्रमिकों के लिए संकट पैदा हुआ है, क्योंकि इसने कमाई के सभी साधन बंंद कर दिए है।

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण भारत में बेरोजगारी की दर बढ़कर 23.4 फीसदी हो गई है।  सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से भारत के शहरी बेरोजगारी की दर 30.9 फीसदी तक बढ़ सकती है। जबकि कुल बेरोजगारी की दर 23.4 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।  इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि कोरोना का कहर अर्थव्यवस्था पर बेहद ही बुरा पड़ने वाला है।

CMIE के अनुसार, बेरोजगारी की दर मार्च महीने में 8.1 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गई है। शहरी क्षेत्रों में भी बेरोजगारी की दर 15 मार्च 2020 तक 8.66 फीसदी पर थी।

इसके बाद 24 मार्च को तालाबंदी की घोषणा की गई। और बेरोजगारी की यह दर 29 मार्च, 2020 को बढ़कर 30.01 प्रतिशत तक पहुंच गयी। यह दर 5 अप्रैल, 2020 तक 30.93 प्रतिशत थी।

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