जेट एयरवेज की बढ़ी मुश्किल , पायलटों ने किया विमान ना उड़ाने का फैसला

आर्थिक संकंट से जुझ रही जेय एयरवेजद के सामने अब और मुसीबत खड़ी हो गई है।  कंपनी ने  लगभग 1 हजार पायलट ने 1 अप्रैल से विमानों को ना उड़ाने का फैसला किया है।  बैंकों से मदद पाने में विफलता के तुरंत बाद, पायलटों के इस निर्णय ने कंपनी के लिए एक नया सिरदर्द खड़ा कर दिया है।    यह घोषणा पिछले सप्ताह नेशनल अवेंजर्स गिल्ड द्वारा की गई थी, जिसमें जेट एयरवेज के लगभग 1100 पायलटों शामिल है।  

गिल्ड  का कहना था की अगर  31 मार्च तक उनका बाकी का वेतन नहीं मिलता है तो वह 1 अप्रैल से विमानों को उड़ाना बंद कर देंगे।  घाटे में चल रही जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड ने इस हफ्ते HSBC बैंक के 109 मिलियन डॉलर का कर्ज नहीं चुका पाया है। जबकि कंपनी कर्ज का पैसा 28 मार्च तक बैंक को देना था लेकिन जेट एयरवेज ऋण चुकाने में असफल रहा है। बता दें कि जेट एयरवेज ने साल 2014 में एचएसबीसी बैंक से 140 मिलियन डॉलर का लोन लिया था, जिसको दो हिस्सों में देना था।

आपको बता दें कि लगातार घाटे में चल रही और नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज पिछले चार महीने से कर्मचारियों की सैलरी भी नहीं दे पाई है। पूर्ण विमानन सेवा कंपनी जेट एयरवेज गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है।

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