बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) के सायन हॉस्पिटल में भर्ती मरीज़ों को चपातियों की सप्लाई अब 'आउटसोर्स' की जाएगी। सायन हॉस्पिटल यह बदलाव करने वाला मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का पहला हॉस्पिटल होगा।('Outsourced' supply of chapatis to Sion Hospital)
1,300 मरीज़ों को चपातियों की सप्लाई के लिए टेंडर
हॉस्पिटल ने रोज़ाना करीब 1,300 मरीज़ों को चपातियों की सप्लाई के लिए एक टेंडर निकाला है। चार चपातियों की कीमत हर मरीज़ पर Rs 13 होने की उम्मीद है, जिस पर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन 120 दिन के कॉन्ट्रैक्ट पीरियड में लगभग Rs 20 लाख खर्च करेगा।
गेहूं के आटे की रोटी
टेंडर की शर्तों के मुताबिक, सभी चपातियां सिर्फ़ सरकारी या मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन हॉस्पिटल में इस्तेमाल होने वाले गेहूं के आटे से ही बननी चाहिए। हर रोटी का वज़न 25–30 ग्राम होना चाहिए और वह चारों तरफ से सेकी हुई होनी चाहिए।चपाती में इस्तेमाल होने वाला तेल ब्रांडेड रिफाइंड पीनट ऑयल या राइस ब्रान ऑयल होना चाहिए। कॉन्ट्रैक्टर को रोज़ाना सुबह 9.00 बजे से 9.30 बजे और शाम 4.00 बजे से 4.30 बजे के बीच चपातियां डिलीवर करनी होंगी।
चपातियों को साफ़ और हाइजीनिक कंटेनर में डिलीवर
रविवार, पब्लिक हॉलिडे या हड़ताल होने पर भी चपातियों को साफ़ और हाइजीनिक कंटेनर में डिलीवर करना ज़रूरी है।रोज़ाना की सप्लाई मरीज़ों के डाइट चार्ट के हिसाब से होनी चाहिए और हॉस्पिटल का डाइटीशियन रोज़ाना कॉन्ट्रैक्टर का बिल चेक करके मंज़ूर करेगा। पहले, चपातियाँ हॉस्पिटल के अपने किचन से सप्लाई की जाती थीं।
सप्लाई न की गई हर चपातियों पर 3 रुपये की पेनल्टी
अगर चपातियाँ देर से सप्लाई होती हैं, तो हॉस्पिटल उन्हें एक्सेप्ट नहीं करेगा। उस दिन सप्लाई न की गई हर चपातियों पर 3 रुपये की पेनल्टी लगेगी। अगर चपातियाँ घटिया या टेंडर स्पेसिफिकेशन्स के हिसाब से नहीं पाई जाती हैं, तो कॉन्ट्रैक्टर को उन्हें तुरंत ठीक करना होगा। नहीं तो, हॉस्पिटल खुले बाज़ार से चपातियाँ खरीदेगा और कॉन्ट्रैक्टर के बिल से पेनल्टी के तौर पर एक्स्ट्रा कीमत वसूल करेगा।
मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (bmc) ने भी क्वालिटी इंस्पेक्शन और नियमों का पालन ज़रूरी कर दिया है। सप्लायर को कॉन्ट्रैक्ट मिलने के तीन महीने के अंदर F/North Ward ऑफिस से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना होगा। अस्पताल समय-समय पर चपाती और गेहूं के आटे जैसे कच्चे माल की जांच करेगा।
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