Bhiwandi building collapsed : हाईकोर्ट ने सरकार और BMC सहित 4 नगर निकायों से 2 हफ्ते में मांगा जवाब

गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (bombay high court) ने भिवंडी में बिल्ड़िग गिरने (building collapsed in bhiwandi) की घटना को गंभीरता से लिया। कोर्ट ने खुद इस मामले में दखल देते हुए सुओ मोटो (suo moto) जनहित याचिका दायर किया और इस बाबत राज्य सरकार और BMC को तलब किया और राज्य सरकार को अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक जवाब देने का निर्देश दिया। अब इस मामले पर अगले महीने सुनवाई होनी है।

कल्याण डोम्बिवली (KDMC) में एक कंस्ट्रक्शन संबंधी याचिका पर सुुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने भिवंडी दुर्घटना पर भी चिंता व्यक्त की। और इस मामले में खुद से सुओ मोटो (suo moto) लेते हुए याचिका दायर किया। इस याचिका में मुंबई उच्च न्यायालय ने बृहन्मुंबई नगर निगम, भिवंडी निजामपुर नगर निगम, कल्याण डोंबिवली, ठाणे और नवी मुंबई सहित सभी नगर निगमों को नोटिस जारी किया है।

कोर्ट ने इस दौरान सवाल किया कि, आखिर बिना अनुमति के अवैध निर्माण कैसे होते हैं, बेकसूरों की जान कैसे जाती है? अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक बताए कि इस तरह केे हादसों को रोकने और जान माल के नुकसान को रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से क्या कदम उठाए जा रहे हैं? अदालत ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार सहित स्थानीय निकाय भी इस मामले में नोटिस का जवाब दें।

भिवंडी में 21 सितंबर को तड़के साढ़े 3 बजे के आसपास 43 साल की 1+3 जिलानी नामकी एक इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई।

इस हादसे में अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हुए हैं। मलबे में अभी भी लोगों के दबे होने का अनुमान जताया जा रहा है, रेस्क्यू कार्य अभी भी जारी है। इस इमारत में 40 फ्लैट थे, जबकि इस इमारत में 150 लोग रह रहे थे। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में भिवंडी नगर निगम के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और इमारत के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

राज्य के आपदा राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार (vijay wadettiwar) ने मृतकों के परिवार वालों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सरकारी सहायता देने की घोषणा की है।

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