नपीपीए की मंजूरी के बगैर बड़ी कंपनियां बनाती हैं दवाइयां

सामने आया है कि बड़ी दवा कंपनियां चतुराई से नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) द्वारा बनाई गई समस्याओं से निपटने के लिए नई दवाओं को अवैध रूप से बनाती हैं। इन कंपनियों ने कथित तौर पर एनपीपीए से अनुमति प्राप्त किए बगैर ड्रग्स की सामग्रियों को बदलकर बाजार में अपनी दवाएं लॉन्च की हैं।

उचित अनुमतियों के बिना नई दवाएं बनाने के लिए एनपीपीए ने कई प्रसिद्ध और बड़ी दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है। अधिकारियों ने 60 फार्मा कंपनियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं और अगर वे इन नोटिस का जवाब देने में विफल रहते हैं तो उनपर कड़ा कार्रवाई की जाएगी।

एनपीपीए दवाओं के मूल्य निर्धारण पर एक सख्त निगरानी रखता है फार्मास्युटिकल कंपनियों ने अब चतुराई से उनकी दवाओं की सामग्री को बदल दिया है और बदलते संयोजनों के साथ नई दवाएं लॉन्च की हैं। लेकिन इन कंपनियों ने इन दवाओं को लॉन्च करने से पहले एनपीपीए से आवश्यक अनुमति नहीं ली है। इन कंपनियों की संख्या 201 हो गई है।

एनपीपीए के नोटिस के अनुसार, इन नई दवाओं के लिए केंद्रीय ड्रग विनियामक विभाग की अनुमति से सवाल उठाया गया है। इन एनपीपीए नोटिस ने फार्मास्युटिकल कंपनियों के अनियमितताओं और गलत रवैये का उदाहरण सामने लाया है। अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि एनपीपीए फार्मास्यूटिकल कंपनियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है। इसकी समय सीमा 15 जून तय की गई है।

इस बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि एनपीपीए की अनुमति के बिना शुरू की गई ये नई दवाइयां मरीजों की जान खतरे में डाल सकती हैं। उन्होंने एनपीपीए की कार्रवाई का स्वागत किया है और मांग की है कि रोगियों के जीवन के साथ खेलने के लिए फार्मास्युटिकल कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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