कोरोना इंजेक्शन की कालाबाजारी, 15 लाख इंजेक्शन जब्त

क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो टोकालाइजम इंजेक्शन ब्लैकमेल कर रहा था। यह इंजेक्शन कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ प्रभावी माना जाता है। बताया जाता है कि यह गिरोह दिल्ली से इंजेक्शन लाकर मुंबई में ब्लैक मार्केटिंग करता था। इस मामले में क्राइम ब्रांच 9 पुलिस ने आरोपी नासिर खान को गिरफ्तार किया है।

मुंबई और महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। ज्यादातर कोरोना रोगियों में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। आक्सीजन के सही स्तर को बढ़ाने में टोकलाइज़म इंजेक्शन को प्रभावी माना जाता है।

क्राइम ब्रांच 9 के एक वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर महेश देसाई को सूचना मिली थी कि मुंबई में इस इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है। साथ ही पुलिस को यह भी सूचना मिली कि, आरोपी बांद्रा रिक्लेमेशन में आने वाले हैं।

इसके बाद इंस्पेक्टर आशा कोरके और सहायक निरीक्षक सुधीर जाधव की एक टीम ने आरोपी आजम को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके पास से 1.5 लाख रुपये के 15 छोटे इंजेक्शन बैंक जब्त किए हैं।

मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला आरोपी आज़म नई दिल्ली से एक चिकित्सक की मदद से मुंबई में बिक्री के लिए इस इंजेक्शन को ला रहा था।  आरोपी इस इंजेक्शन को 1 लाख रुपये प्रति इंजेक्शन के हिसाब से बेचता था। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने बिना बिल के अवैध रूप से इंजेक्शन खरीदे और उसे अधिक कीमत पर बेचा।

पूछताछ में पता चला है कि उसके पास ड्रग्स बेचने के लिए कोई लाइसेंस नहीं है।  जब आज़म को अदालत में पेश किया गया, तो अदालत ने उसे 7 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।  पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है।

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