मलबे का निपटान करने में असमर्थ, 30 से 40 बिल्डरो को काम बंद नोटिस!

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मुंबई में इमारतों के मलबे का अभी तक सहीं तरिके से निपटारा करने में अभी भी कई बिल्डर असमर्थ है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में 6 महीने की समयसीमा दी थी। बीएमसी का कहना ही कई बिल्डरो ने मलबे के निपटारे पर कार्य किया है , हालांकी कुछ बिल्डर अभी तक मलबे को पूरी तरह से साफ नहीं कर पाए है और बीएमसी ऐसे बिल्डरो को नोटिस जारी कर चुकी है। इस नोटिस के बाद भी, अगर इन डेवलपर्स को डेब्रेज़ निपटान के निपटारे के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, तो उन्हें पुनर्निर्माण की अनुमति दी जाएगी।

देवनार, मुलुंड और कांजूर मार्ग डंम्पिंग ग्राऊंड की क्षमता समाप्त 

मुंबई के देवनार, मुलुंड और कांजूर मार्ग डंम्पिंग ग्राऊंड की क्षमता समाप्त होने के कारण अब इस जगह पर इमारतों के मलबे डाले जा रहे है। एक पर्यावरण प्रेमी संस्था ने इसको रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बिल्डरों को 14 मार्च से 15 सितंबर तक मलबे के निपटान के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने का आदेश दिया। रविवार को ये समयसीमा समाप्त हो गई। समयसीमा समाप्त होने  के बाद अगर बिल्डर मलबे को रखने के लिए अतिरिक्त जगह की व्यवस्था करेगा तो ही उसे आगे के कार्य के लिए इजाजत दी जाएगी।

मुंबई में अब तक 2,749 निर्माण स्थल

बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मुंबई में अब तक 2,749 निर्माण स्थल हैं। 1573 निर्माण के डेवलपर्स ने भूमि मालिकों से एनओसी लेकर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के पास आवेदन के लिए भेजा है। इसके साथ ही यह भी पाया गया है की मलबे के निपटान के लिए 30 से 40 निर्माण स्थलों पर कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए, काम को रोकने के लिए इन सभी निर्माण स्थलों को नोटिस जारी किया गया है।

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