बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) को बताया कि शहर में बिस्तर पर पड़े कुल 1,317 लोगों को उनके घरों में टीका (Vaccination) लगाया गया है। इसके अलावा, पीटीआई की एक रिपोर्ट में उद्धृत, नकारात्मक प्रतिक्रिया का एक भी मामला आज तक सामने नहीं आया है।
30 जुलाई को मुंबई में घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान शुरू हुआ, जिसमें एक एनजीओ (NGO) की मदद से 37 लोगों को टीका लगाया गया।
हाई कोर्ट में बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी मंगला गोमारे द्वारा दायर एक हलफनामे के आधार पर, 9 अगस्त, 2021 तक, घर-घर टीकाकरण अभियान के दौरान 1,317 बिस्तरों वाले लोगों को टीका लगाया गया है। इसी तरह, टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं की कोई घटना नहीं हुई है।
यह हलफनामा अधिवक्ताओं द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में दिया गया था, जो केंद्र सरकार को 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए एक समान अभियान शुरू करने के लिए एक कोर्स का पीछा कर रहा था, विशेष रूप से विकलांग, बिस्तर पर या व्हीलचेयर से सीमित। उनकी याचिका में कहा गया है कि कैसे उपर्युक्त लोग टीकाकरण केंद्रों पर नहीं जा सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने पहले इस तरह की डोर-टू-डोर ड्राइव शुरू करने में अपनी अक्षमता को उजागर किया था, जिसमें प्रतिकूल प्रतिक्रिया और टीके की बर्बादी के जोखिम का दावा किया गया था। हालांकि, महाराष्ट्र (maharashtra) सरकार ने पिछले महीने कहा था कि वह इस अभियान को शुरू करेगी और इसके लिए एक नीति तैयार करेगी। इसके बाद मुंबई में इसकी शुरुआत हुई।
बीएमसी के हलफनामे में कहा गया है कि 9 अगस्त तक 4,889 बिस्तर वाले नागरिकों ने घर पर टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराया था।
हलफनामे में यह भी कहा गया है कि 2 अगस्त, 2021 के बाद से, मुंबई के सभी 24 वार्डों में घरेलू टीकाकरण शुरू हो गया है। जिन नागरिकों के घरों का दौरा किया जाएगा उन्हें प्रमाण पत्र तैयार रखने के लिए बुलाया जाता है। फिर एक दो सदस्यीय टीम जिसमें एक डॉक्टर और एक नर्स शामिल है, प्रत्येक वार्ड में एक एम्बुलेंस और एक किट से लैस है।
बीएमसी ने कहा कि उसने कुछ वार्डों में जनशक्ति, जीवन समर्थन और एम्बुलेंस के लिए गैर सरकारी संगठनों की मदद मांगी।गुरुवार को याचिका पर चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी सुनवाई करेंगे।
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