बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा है की कोई भी कंपनी बैंक खाते से आधार ना जुडे होने पर भी किसी भी कर्मचारी की सैलरी नहीं रोक सकती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पोर्ट ट्रस्ट के एक कर्मचारी का वेतन 2016 से इस आधार पर रोकने के केंद्र के निर्णय पर सोमवार को सवाल उठाया कि उसने अपना बैंक खाता आधार से नहीं जोड़ा था।
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट में चार्जमैन के तौर पर कार्यरत
न्यायाधीश ए.एस. ओक और एस.के. शिंदे की एक खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। रमेश पुराले नाम के एक कर्मचारी ने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पुराले मुंबई पोर्ट ट्रस्ट में चार्जमैन के तौर पर कार्यरत हैं। पुराले ने अपने बैंक अकाउंट से अपना आधार लिंक नहीं करवाया था , जिसके कारण साल 2016 से उनकी सैलरी नहीं दी जा रही थी।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को फटकरा लगाई पीठ ने सरकार को याचिकाकर्ता को बकाए का भुगतान करने का निर्देश दिया और मामले की अंतिम सुनवाई 8 जनवरी को करना तय किया।
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