अब 6 करोड़ रुपये के ऊपर के केस ही जांचेगी आर्थिक अपराध शाखा

आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW अब 6 करोड़ रुपये से ऊपर के मामलों की ही जांच करेगी। आर्थिक अपराध शाखा के जॉइंट सीपी विनय चौबे ने इस बारे में एक प्रस्ताव पिछले महीने भेजा था। सीपी ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद अब जिन मामलों में रकम 6 करोड से उपर होगी उन्ही मामलों की जाचं आर्थिक अपराध शाखा को दी जाएगी।

मैजूदा समय में आर्थिक अपराध शाखा 3 करोड़ रुपये से ऊपर के केस की ही जांच करती थी। साल 2014 में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर से अनुरोध किया गया कि इस रकम को 3 करोड़ रुपये से ऊपर किया जाए। हालांकी चार साल बाद इस राशि को डबल कर दिया गया है।

काम का है ज्यादा बोझ

सीबीआई में एक जांच अधिकारी के पास दो से तीन ही केस होते हैं, जबकि EOW में एक-एक अधिकारी 20-20 केस की जांच कर रहा है। सीबीआई में डीसीपी रैंक का अधिकारी अधिकतम 20 से ज्यादा केस सुपरवाइज नहीं करता। मुंबई पुलिस के EOW के पास दो डीसीपी हैं-राजीव जैन और पराग मनेरे। ये दोनों इस वक्त 624 केस को सुपरवाइज कर रहे हैं। जिससे केस को सॉल्व करने और उनकी जांच पर भी इसका असर पड़ता है।

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