11 लाख प्रवासियों को उनके घर भेजने के लिए तैयार : महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र सरकार ने दावा किया है कि राज्य में रह रहे लगभग 11 लाख प्रवासी कामगारों (migrant workers) और मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए वह तैयार है।आपको बता दें कि, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को अपने गांव जाने की अनुमति देे दी हैै।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन 11 लाख मज़दूरों में से लगभग 7 लाख लोग मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) के हैं।  

राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि प्रवासियों को जाने के लिए वे आवश्यक ट्रेनों के बारे में रेलवे के साथ समन्वय कर रहे हैं, साथ ही प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारियों के जरिए गांव जाने वाले  व्यक्तियों का विवरण प्राप्त कर रहे हैं। 

सूत्रों ने जानकारी दी है कि पहले उनके लिए जाने की व्यवस्था की जाएगी जो राज्य के अंदर ही जाने वाले हैं, उसके बाद राज्य से बाहर जाने वालों की व्यवस्था की जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि, लोगों को सोशल डिस्टेंस को बनाये रखना होगा। ट्रेन में 1,000 से अधिक यात्रियों को ले जाने की अनुमति नहीं होगी और बसों में केवल 25 यात्रियों को ही ले जाने की अनुमति होगी।

अधिकारी के हवाले से मुंबई मिरर में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर 5 लाख प्रवासी मुंबई छोड़ कर दूसरे राज्यों में जाते हैं और 2 लाख लोग राज्य के भीतर यात्रा करना चाहते हैं, तो इसके लिए 500 ट्रेनों और 8,000 बसों की आवश्यकता होगी।"

इसके अलावा, फंसे हुए प्रवासियों और अन्य लोगों को उनके गांव भेजने के लिए सभी से एक फॉर्म भराया जा रहा है जिसे भरकर नजदीकी पुलिस स्टेशन में जमा कराना होगा।

लोगों को गांव भेजने का आदेश देशव्यापी तालाबंदी के 36 दिनों के बाद आया है जिसे अब 4 मई से बढाकर 17 मई तक कर दिया है।

इस बीच, महाराष्ट्र सरकार संबंधित राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों और मजदूरों के परिवहन की लागत वहन करने के लिए कहने की संभावना है।

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