विश्व प्रसिद्द पर्वतारोही अरुण सावंत का निधन

राज्य में ट्रेकिंग को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले 60 साल के अरुण सावंत का शनिवार को अहमदनगर के कोंकण काडा में हरिश्चंद्रगढ़ किले में एक रॉक क्लाइम्बिंग सेशन करते समय निधन हो गया।   रविवार दोपहर उनका शव बरामद किया गया। उन्होंने नए ट्रेकिंग स्थलों की खोज की, जो अब लोगों के बीच राज्य में लोकप्रिय हो गए हैं, जिनमें ड्युक नोज(Duke’s Nose), संदहन घाटी(Sandhan Valley), थिताबी वॉटरफॉल( Thitabi waterfall)मालशेज शामिल है।

शनिवार की सुबह हुआ हादसा

प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 पर्वतारोहियों का एक यूनिट शनिवार की सुबह से हरिश्चंद्र गड से माकडनाल पहाड़ी पर चढ़ाई करने पहुंचा था। अरुण सावंत इस यूनिट को लीड कर रहे थे। कोकणकड से रोप बोल्ड करने की कोशिश के दौरान फॉल हो गया और सावंत करीबन 550 फीट गहरी खाई में गिर गए।चट्टानों पर गिरने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

गोरेगांव में रहनेवाले सावंत ने एमटीएनएल के साथ काम किया। वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने लोनावाला में ड्युक नोज के लिए सफलतापूर्वक ट्रेक किया था। 1986 में जब सावंत कोंकण काडा में ट्रेकिंग कर रहे थे, उनके सहयोगी अनंत बर्वे चट्टान से गिर गए और उनकी मृत्यु हो गई।

उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, "यह दुखद है कि सह्याद्रि के बेटे ने उसी सीमा में अंतिम सांस ली। उनकी मौत चौंकाने वाली और परेशान करने वाली है।"

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