लोनावाला की चिक्की पर लगी रोक

अगर आप मुंबई से पुणे या फिर पुणे से मुंबई यात्रा करते होंगे तो आपको लोनावाला स्थित मगनलाल चिक्की वाले का चिक्की जरुर खाया होगा। मगनलाल कि चिक्की अपने स्वाद के लिए मुंबई महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि देश भर में जानी जाती है। लेकिन अब इस चिक्की पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एफडीए (Food and Drug Administration) की छापे मारी में इस चिक्की उत्पादन करने वाली कंपनी में कई तरह की खामियां पाई गई हैं। इसके बाद मामले को गंभीरता को देखते हुए एफडीए ने कंपनी के सभी उत्पादन और बिक्री पर रोक लगा दी।

'स्वास्थ्य मानकों की अनदेखी'

इस मामले में एफडीए आयुक्त डाॅ. पल्लवी दराडे यांनी मुंबई लाइव से बात करते हुए बताया कि इस चिक्की फैक्टरी में सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों की अनदेखी की जा रही थी। चिक्की खाने के योग्य नहीं थी, इसीलिए चिक्की के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगा दी गयी।

'अन्न सुरक्षा कानून का पालन नहीं'

एफडीए के सह आयुक्त सुरेश देशमुख ने भी कहा कि एफडीए की नजर उन तमाम होटलों, रेस्टोरेंट, स्टालों, कारखानों सहित तमाम जगहों पर होती है जहां खाद्य पदार्थ बेचे और बनाये जाते हैं, इन्हें एफडीए के नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है, लेकिन इस फैक्टरी में अन्न सुरक्षा कानून का पालन नहीं किया जा रहा था।  मंगलवार को रूटीन चेकिंग के लिए एफडीए के अधिकारी मगनलाल चिक्की फैक्टरी में पहुंचे थे, जांच में कई तरह के नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया। जिस वातावरण में चिक्की बनाई जा रही थी वह भी दूषित थी। 

100 साल पुरानी है कंपनी

बताया जाता है कि यह कंपनी 100 साल पुरानी है, और इसका सालाना टर्न ओवर लगभग 100 करोड़ रुपए का है। बावजूद इसके जब अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें खाद्य पदार्थों को चेक करने का न तो कोई लैब दिखा और न ही उत्पाद की गुणवत्ता जांचने के लिए कंपनी में क्वॉलिफाइड इंसान (क्वॉलिटी चेकर)। इसके अलावा कंपनी की तरफ से खाद्य पदार्थों की टेस्टिंग के लिए किसी दुसरे लैब में भी नहीं भेजा जा रहा था।

अब जब इतनी बड़ी कंपनी का यह हाल है तो एफडीए के निशाने पर छोटी मोटी कंपनी भी आ गयी है। एफडीए द्वारा अब सभी कंपनियों की जांच करने की बात की जा रही है। एक एफडीए के अधिकारी के मुताबिक जब तक सभी नियमों और शर्तों को पूरा नहीं किया जाता तब तक हमारी छापेमारी चलती रहेगी।

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