जे जे अस्पताल में पहली बार हुआ ब्रेनडेड मरिज का अंगदान

जे. जे. अस्पताल के 176 साल के इतिहास में पहली बार ब्रेन डेड मरिज का अंगदान किया गया। जलगांव की रहनेवाली संगीता महाजन का 17 जुलाई को मोटरसाईकल से एक्सिडेंट हो गया था। इस हादसे में संगीता बूरी तरह से घायल हो गई। जिसके बाद उसे जलगांव के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन तबियत में कोई खास सुधार ना होने के कारण उन्हे 20 जुलाई को मुंबई के जे जे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

संगीत की पूरी तरह से जांच करने के बाद डॉक्टरो ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। संगीत की मौत के बाद डॉक्टरो से कहने पर उसके परिजनो ने उसके अंग दान का फैसला किया। संगीत के अंगदान के कारण दो लोगों को जीवनदान मिला। संगीत के लीवर और आंखो को दान किया गया। सोलापूर के रहनेवाले एक 56 वर्षिय वृद्ध को संगीता का लीवर दिया गया तो वही उनकी दोनों आंखे जे जे अस्पताल को दी दाम दे दी गई।

संगीता के पति , राजेश महाजन का कहना है की भले ही आज उनकी पत्नी इस दुनियां में ना हो लेकिन अनके पत्नी से जिन लोगों को जीवनदान मिला है , उनके जरिए वो हमेशा जिंदा रहेगी।

जे जे अस्पताल के डीन डॉ. तात्याराव लहाने का कहना है की जे जे अस्पताल में पहली बार किसी मृत मरिज का अंगदान किया गया है। जे जे अस्पताल में 70 फिसदी मरिज महाराष्ट्र के ग्रामीण भागो से आते है जिनके लिए इसकी जनजागृति करना बेहद जरुरी है।

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