महाराष्ट्र में जांच करने के लिए CBI को लेनी होगी अब राज्य सरकार की मंजूरी

महाराष्ट्र सरकार (maharashtra government) का कहना है कि, अगर CBI राज्य में किसी मामले में जांच करने आती है तो पहले उसे राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी।

क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने 1989 में CBI को राज्य में मामलों की जांच के लिए 'सामान्य सहमति' वापस ले ली है। इस बाबत राज्य सरकार की तरफ से एक आदेश भी जारी किया गया है।

इसके पहले यदि  Central Bureau of Investigation (CBI) को किसी मामले की जांच करनी होती थी तो, सीबीआई (CBI) सीधे राज्य में आ धमकती थी और जांच शुरू कर देती थी।  हालाँकि, इस संबंध में राज्यों को भी कुछ अधिकार दिए गए हैं। उसी का उपयोग करते हुए, राज्य सरकार (State government) ने सीबीआई पर अब लगाम लगा दिया है।

अभी हाल ही में महाराष्ट्र में सुशांत सिंह राजपूत (sushant singh rajput) मामले की सीबीआई ने जांच करनी शुरू की तो सत्ता पक्ष तिलमिला उठी।

मुंबई पुलिस (mumbai police) की जांच को लेकर सवाल उठने के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में याचिका दायर की गई, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर इस केस को CBI को सौंप दिया गया। 

इस निर्णय को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकारों के बीच तनाव भी पैदा हो गया। चूंकि सीबीआई का पूर्ण नियंत्रण केंद्र सरकार के हाथों में होता है, इसलिए राज्य सरकार की तरफ से अक्सर CBI का दुरुपयोग करने के भी आरोप लगते रहे हैं। इसी बात को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच आए दिन तनातनी देखने को मिलती है।

इससे पहले, सीबीआई को लेकर केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल (west bengal) के बीच भी काफी मतभेद पैदा हो गए थे। पश्चिम बंगाल सरकार का कहना था कि, CBI बिना राज्य सरकार की अनुमति के राज्य में कदम नहीं रख सकती।

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