जान जोखिम में डाल ब्रिज का उपयोग करते कॉजवे के लोग

माहिम के रेतीबंदर और मृदंग आचार्य मैदान को जोड़ने वाला पुल इस समय दुर्दशा का शिकार हुआ है। कॉजवे परिसर में बने इस ब्रिज का निर्माण बीएमसी ने किया था। 5-6 साल पहले मरोल से कॉजवे तक पानी की सप्लाई के लिए पाइप लाइन ले जाने की शुरुआत की गई थी। 


पानी के टनल के प्रोजेक्ट के लिए इस ब्रिज को बनाया गया था, हालांकि इस ब्रिज को बीएमसी ने मात्र कुछ समय के लिए ही बनाया था। टनल का काम होने के बाद इस ब्रिज को तोड़ देने का निर्णय लिया गया था। लेकिन काम पूरा होने के बाद भी अभी तक ब्रिज जस का तस है। 


इस ब्रिज पर लगे लोहे को जंग लग गए हैं। ब्रिज का छत पूरी तरह से टूट गया है।इसके बावजूद यहाँ के स्थानीय लोग आने जाने के लिए इसी ब्रिज का उपयोग कर रहे हैं। इस बाबत मनसे के स्थानीय नेताओं ने इस ब्रिज को परमानेंट कर इसकी मरम्मत की मांग की है।

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