यह BJP सरकार है, समस्या बताने पर होती है जेल

  • भाग्यश्री भुवड़ & मुंबई लाइव टीम
  • सिविक

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के बंगले 'वर्षा' पर के बाहर कुछ महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया। ये महिलाएं 'राईट टू पी' की कार्यकर्ता हैं जो मुख्यमंत्री से किसी समस्या को लेकर मिलना चाहती थीं। अब इनकी गिरफ्तारी से सवाल उठ रहे हैं कि एक तरफ तो खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता के कारण खुले में शौच करने के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है तो दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के शासन वाले प्रदेश में 'राईट टू पी' के  कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है।

धारा 144 के तहत हुई गिरफ्तारी

'राईट टू पी' की सुप्रिया जान-सोनार ने बताया कि पुलिस ने उन्हें धारा 144 के अंतर्गत गिरफ्तार किया है। वर्षा बंगला मुख्यमंत्री का आवास है, जो संवेदनशील इलाका माना जाता हैं। यहाँ शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए किसी भी प्रकार का मोर्चा या आन्दोलन करने की मनाही है।

 सीएम से मिलना था

चेंबूर इलाके की कुछ 'राईट टू पी' की महिला सदस्य कई दिनों से कई प्रकार की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से मिलना चाहती थीं। इसी के मद्देनजर 'विश्व शौचालय दिवस' के अवसर पर ये सारी महिलाएं मुख्यमंत्री से मिलने गयीं थी, इतनी संख्या में आये हुए महिलाओं को देखते हुए पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया।

हम लोग मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मिलने उनके बंगले वर्षा पर गये हुए थे। हमारा उद्देश्य केवल उनसे मिला और समस्याओं से अवगत कराना था लेकिन पुलिस ने हमें शांति भंग करने और समूह में आने का कारण बताते हुए गिरफ्तार कर लिया।

सुप्रिया जान-सोनार, को-आर्डिनेटर, राईट टू पी

इस गिरफ्तारी से बीजेपी सरकार सवालों के घेरे में हैं, जहां एक तरफ पीएम मोदी खुले में शौच के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का अभियान छेड़े हुए हैं तो वहीँ यह महिलाए इसी मुद्दे पर ही सीम से मिलने गयीं थी जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. एक ही सरकार में इतना करनी और कथनी में फर्क...!

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