'#MeToo' मूवमेंट का गलत उपयोग न हो- बॉम्बे हाई कोर्ट

'#MeToo' मूवमेंट पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि यह विषय काफी संवेदनशील है, इसका उपयोग गैर जिम्मेदारी से न हो। यह मुहीम पीड़ित महिलाओं के लिए है, कोई भी व्यक्ति पीड़ित महिलाओं के कंधे पर बंदूक रख कर न चलाए। 

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क्या था मामला?

दरअसल अदालत विकास बहल की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें विकास ने उनकी छवि ख़राब करने के लिए अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवाने पर 10 करोड़ रूपये मानहानि का केस किया है। विकास बहल पर आरोप है कि जब फैंटम फिल्मस अस्तित्व में था तब उन्होंने वहां काम करने वाली एक महिला का यौन शोषण किया था। इसके बाद अभिनेत्री कंगंगा रनौत ने भी विकास पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया।

इसके पहले न्यायमूर्ति एस जे काठवाला की कोर्ट ने विकास बहल को निर्देश दिया कि उस महिला को भी इस मामले में पार्टी बनाया जाय जिसने आरोप लगाए हैं लेकिन उसकी पहचान कहीं उजागर न हो।

विकास बहल ने अपनी शिकायत में कहा है कि कश्यप और मोटवानी ने उनके खिलाफ काफी अपमानजनक, गलत  और आधारहीन आरोप लगाये है जिस वजह से उनकी इमेज खराब हुई है। उन्होंने कश्यप और मोटवानी से 10 करोड़ रूपये के हर्जाने की मांग की है।

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