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महासचिव मिलिंद पांचाल का कहना है की " एमएमआरडीए को क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिर या विरासत को ध्यान में रखकर ही स्टेशन का नाम रखना चाहिये। एमएमआरडीए ने दादर मोनोरेल का नाम इस क्षेत्र के बारे में शोध या अध्ययन किए बिना ही रख लिया"
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मिलिंद पांचाल के साथ, वार्ड अध्यक्ष आनंद प्रभु, मनसे के उपाध्यक्ष हेमंत पाटील, निलेश तोंदवालकर, राजेंद्र कांबली, वार्ड अध्यक्ष विनय देवधरकर भी शामिल थे।
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