यह हादसा नहीं बल्कि हत्या है- वारिस पठान

मुंबई के डोंगरी इलाके में हुए बिल्डिंग हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में कई लोगों ने इसे बीएमसी, म्हाडा और सरकार की लापरवाही बताया। मुंबई में AIMIM के विधायक वारिस पठान ने भी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। पठान ने कहा कि पिछले 5 सालों से वे मुंबई की खतरनाक हो चुकीं इमारतों को लाकर विधानसभा में आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार से सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। अगर समय रहते कुछ किया जाता तो आज यह घटना नहीं घटती। यह हादसा नहीं बल्कि एक तरह से हत्या है।

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वारिस पठान ने कहा कि बीएमसी की तरफ से हर साल खतरनाक इमारतों की लिस्ट तैयार की जाती हैं लेकिन उन्हें खाली नहीं कराया जाता है, क्योंकि उनके पुनर्वसन की जिम्मेदारी बीएमसी पर ही है और इसी जवाबदारी से बीएमसी और सरकार हमेशा भागती है। अगर कहीं भी इमारत को खाली कराया जाता है तो उन्हें रहने के लिए दूर भेज दिया जाता है इसीलिए लोग घर खाली करने से कतराते हैं और अपनी जान को जोखिम में डाल कर खतरनाक हो चुकी इमारत में रहने के लिए मजबूर होते हैं।

पठान ने आगे कहा कि अगर कोई अपना घर छोड़ता है तो उसे उसी इलाके में ही घर देना चाहिए। सरकार को इस बाबत नियम बनाना चाहिए।

आपको बता दें कि डोंगरी में जो इमारत गिरी वह 100 पुरानी थी। इस बिल्डिंग में करीब 15 परिवार रहा करते थे। इस हादसे में अधिकांश महिला और बच्चे शामिल थे।

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