Mumbai: तो इसलिए खुलने के बाद फिर से बंद हो गए मॉल

कोरोना (coronavirus) के केस में लगातार कमी आने के बाद सरकार द्वारा ब्रेक दी चेन (break the chain)  के तहत कई क्षेत्रों में ढील दी जा रही है। जिसमें 15 अगस्त से शॉपिंग मॉल (shopping mall)  खुलने सहित अन्य ढील देने की भी घोषणा की गई थी। हालांकि मॉल खुलने के बाद उन्हें फिर से बंद करना पड़ा।

नियमतः मॉल में जाने वाले ग्राहकों को वैक्सीन की दोनों डोज लगे 14 दिन पूरे हो गए हो, यही नियम मॉल के कर्मचारियों पर भी लागू किया गया है। लेकिन अधिकांश कर्मचारियों द्वारा अभी दोनों डोज नहीं लिए गए हैं। बल्कि किसी ने तो एक भी डोज नहीं लिया है। जिसे देखते हुए मॉल को फिर से बंद करने का निर्णय लिया गया। एक कारण यह भी है कि मॉल के 90% कर्मचारी 45 वर्ष से कम आयु के हैं, जिनकी वैक्सीन की शर्त पूरी नहीं हुई है।

मॉल या मॉल की दुकानों में काम करने वाले नब्बे प्रतिशत कर्मचारी मुख्य रूप से 25 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के बीच के हैं।

लेकिन इस वर्ग के लिए टीकाकरण मई में शुरू हुआ।  इसलिए नियम के रूप में, इस श्रेणी के कर्मचारियों के लिए दोनों खुराक का टीकाकरण करना अभी असंभव है। इसलिए कई मॉल संचालकों ने बुधवार से इसे फिर से बंद करने का फैसला किया है।

मॉल को बंद करने के फैसले से हजारों व्यवसायों और लाखों कर्मचारियों के भविष्य पर संकट छा गया है।

राज्य में करीब मॉल में काम करके अपने परिवार का पेट पालने वाले लोगों की संख्या 2 लाख के लगभग है। वहीं, अकेले मुंबई में यह आंकड़ा क़रीब डेढ़ लाख के आसपास है। इसे देखते हुए ही सरकार ने शर्तों पर मॉल खोलने का फैसला किया था।

मॉल और शॉपिंग सेंटर महत्वपूर्ण वित्तीय केंद्र हैं। राज्य में मॉल हर महीने 40,000 करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं। मॉल से हर महीने जीएसटी में 4,000 करोड़ रुपये का योगदान मिलता हैं। लंबे समय से मॉल्स के बंद होने से राज्य में करीब 50 दो लाख से ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है।

इसलिए रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य वाले नियम पर सरकार से फिर से विचार करने की अपील की है।

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