बीएमसी समुद्र में दिशात्मक सोलर लाइट लगाएगी

गणेश चतुर्थी और नवरात्रि के दौरान कई लोग गहरे समुद्र में मूर्तियों का विसर्जन करने की कोशिश करते हैं। इससे दुर्घटना का खतरा रहता है और बाद में मूर्तियों को पानी से निकालने में भी दिक्कतें आती हैं। इसके समाधान के तौर पर मुंबई नगर निगम ने समुद्र में लो टाइड लाइन के पास मरीन नेविगेशन बॉय लगाने का फैसला किया है। इससे यह पता चल जाएगा कि विसर्जन कितनी दूर तक किया जाना चाहिए।

गहराई पर विसर्जन संभव नहीं

इसलिए, अधिक गहराई पर विसर्जन संभव नहीं होगा। महाराष्ट्र टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार बीएमसी के पर्यावरण विभाग ने यह सिस्टम लगाने का फैसला किया है। गिरगांव चौपाटी, दादर शिवाजी पार्क, जुहू, वर्सोवा, अक्सा और गोराई चौपाटी मुंबई नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

गणेश की मूर्तियों के साथ-साथ देवी-देवताओं की मूर्तियों का भी इसी समुद्र में विसर्जन किया जाता है। कई लोग बड़ी मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए समुद्र में गहराई में चले जाते हैं। इससे दुर्घटना का खतरा रहता है। साथ ही, मूर्तियों को विसर्जित करने के बाद अगले दिन उन्हें निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। अक्सर ज्वार कम होने के बाद ये मूर्तियाँ घाटों पर फैल जाती हैं, जबकि कई मूर्तियाँ समुद्र की गहराई में भी होती हैं।

 100 प्रतिशत मूर्तियों को आसानी से बाहर निकालना संभव

इसलिए मुंबई महानगरपालिका के पर्यावरण विभाग ने बताया कि विसर्जन क्षेत्र को इंगित करने के लिए ज्वार की कम रेखा और ज्वार की उच्च रेखा के बीच एक गाइड लगाया जाएगा। इससे एक निश्चित दूरी तक ही विसर्जन संभव हो सकेगा। महानगरपालिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे अगले दिन समुद्र से 100 प्रतिशत मूर्तियों को आसानी से बाहर निकालना संभव हो सकेगा।

इस गाइड पर एक सोलर लैंप भी होगा। ताकि मूर्तियों को विसर्जित करने वाले इसे स्पष्ट रूप से देख सकें। इस काम के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। छह घाटों पर कुल 43 जगहों पर यह नया गाइड सिस्टम लगाया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकना भी है। यह सिस्टम केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दो संस्थाओं की देखरेख में लगाया जाएगा, जो इसमें विशेषज्ञ हैं।

लो टाइड लाइन और हाई टाइड लाइन का होगा फैसला

ये दोनों संस्थाएं तय करेंगी कि मुंबई में लो टाइड लाइन और हाई टाइड लाइन कहां है और सोलर लाइट आधारित डायरेक्शनल सिस्टम को कहां तक लगाया जाना चाहिए। इस काम के लिए टेंडर जमा करने की आखिरी तारीख 16 जून है। अधिकारी ने बताया कि इस साल गणेशोत्सव से पहले चौपाटियों पर यह सिस्टम लगाने की कोशिश होगी। गिरगांव चौपाटी, दादर शिवाजी पार्क, जुहू, वर्सोवा, अक्सा, गोराई में समुद्र में यह सिस्टम लगाया जा चुका है।

प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाने का बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद मुंबई नगर निगम इस साल गणेशोत्सव के लिए भी इसे लागू कर रहा है।

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