जिंदा मरीज को दफनाने वाले झूठे वीडियो को पोस्ट करने वाले शख्स के खिलाफ BMC करेगी कार्रवाई

मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने सोशल मीडिया में वायरल (Viral video in social media) हो रहे एक वीडियो को लेकर आपत्ति जताई है। इस वीडियो में यह दावा किया गया है कि, एक कोरोना मरीज को जिंदा ही कोरोना किट में लपेट दिया गया और उसे कब्रिस्तान में दफनाने के लिए ले जाया गया। अब इस वीडियो को लेकर मुंबई महानगर पालिका ने इस पर आक्रामक रुख अपनाया है।

इस संबंध में BMC कमिश्ननर इकबाल सिंह चहल (iqbal singh chahal) ने एक अखबार को बताया कि यह BMC को बदनाम करने की कोशिश है। हम सुरेश नखुआ को फोन कर रहे हैं लेकिन वे जवाब नहीं दे रहे हैं। हम उनसे उनके द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो के बारे में पूछताछ करने वाले हैं, लेकिन वे कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। हम अब उनके खिलाफ आरोप दायर कर रहे हैं।

बता दें कि, सुरेश नखुआ ही वे शख्स हैं, जिन्होंने सबसे पहले इस वीडियो को ट्वीटर के जरिये पोस्ट किया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, 'एक जीवित कोरोना मरीज को कोरोना किट में बांधकर कब्रिस्तान में दफनाया गया। कब्रिस्तान में लाए जाने के बाद मरीज के जिंदा होने की चौंकाने वाली बात पता चली। यह चौंकाने वाला है। एक जीवित व्यक्ति को बीएमसी द्वारा कब्रिस्तान में ले जाया गया। मुझे लगता है कि #MahavsuliAghadi सरकार का कब्रिस्तान से भी कुछ महावसुली का लक्ष्य होगा।'

हालांकि, नखुआ के इस वीडियो को लेकर BMC ने अपने ट्विटर हैंडल पर नखुआ को टैग कर लिखा कि, "सर, आपके साथ हुई टेलीफोन बातचीत के अनुसार, हमने आपसे इस वीडियो की उत्पत्ति और प्रामाणिकता की जांच करने का अनुरोध किया है। हालाँकि, आप इस वीडियो के मूल स्थान और प्रामाणिकता के बारे में निश्चित नहीं हैं। इसलिए हम आपसे जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उसके बाद, इस संबंध में आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

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