बीएमसी ने सड़क चौड़ीकरण योजना में खामियाँ पाए जाने पर नौ वार्ड अधिकारियों को कार्रवाई का नोटिस भेजा है।बीएमसी ने सड़क चौड़ीकरण योजना में गंभीर अनियमितताएँ पाए जाने पर नौ वार्ड अधिकारियों को नोटिस भेजा है। (Nine BMC Ward Officers Under Scanner For Irregularities In Road-Widening Scheme)
इन खामियों में शामिल हैं:
नियमों का दुरुपयोग
कुछ अधिकारियों की बिल्डरों से मिलीभगत
विध्वंस नोटिस और सर्वेक्षणों में गड़बड़ी
पुनर्वास प्रक्रिया में अनियमितताएँ - यानी कुछ अपात्र लोगों को लाभ दिया गया जबकि पात्र परियोजना पीड़ितों की अनदेखी की गई।
अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी जोशी द्वारा हस्ताक्षरित इस नोटिस में प्रत्येक वार्ड की विस्तृत रिपोर्ट, सर्वेक्षणों की जानकारी, दस्तावेज़, विध्वंस और पुनर्वास की स्थिति, साथ ही भौगोलिक स्थिति के साथ फोटोग्राफिक साक्ष्य मांगे गए हैं।
बीएमसी ने यह नोटिस वार्ड ए (कोलाबा) से एफ साउथ (परेल) के सहायक आयुक्तों को भेजा है। नोटिस में विकास नियंत्रण एवं संवर्धन विनियम (DCPR) 2034 के विनियम 33(12)(बी) के अंतर्गत सड़कों के चौड़ीकरण के नियमों का पालन कैसे किया गया है, इसकी विस्तृत जानकारी मांगी गई है।
प्राधिकारियों से प्रत्येक वार्ड में की गई सड़क चौड़ीकरण प्रक्रिया, सर्वेक्षणकर्ताओं द्वारा किए गए कार्य, अनुलग्नक-2 के दस्तावेज़, ध्वस्तीकरण नोटिस की स्थिति, प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के पुनर्वासन (स्थानांतरण) की जानकारी प्रस्तुत करने को कहा गया है।
इसमें क्षेत्रों के चित्र और उनकी सटीक भौगोलिक स्थिति भी मांगी गई है।
विनियमन (विनियमन 33(12)(बी), डीसीपीआर 2034 क्या है?):
इस विनियम के अंतर्गत अनुमत या संरक्षित संरचनाएँ, जो सड़क की भूमि को चौड़ा करने के कार्य के संबंध में सड़क के संरेखण में आती हैं, उन्हें हटाकर पुनः समायोजित/पुनर्वासित किया जाना अपेक्षित है। विस्थापित या प्रभावित लोगों को उसी प्रशासनिक वार्ड में पुनर्वासित करने का प्रावधान है।
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