ई-सिगरेट पर प्रतिबंध, यह संस्था कर रही है विरोध

देश में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब इसका विरोध भी शुरू हो गया है। ई-सिगरेट की उपभोक्ता संस्था एसोसिएशन ऑफ वेपर्स इंडिया (AVI) ने देश के कई भागों में सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया। दरअसल ई-सिगरेट के घातक परिणामों को देखते हुए सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। ई-सिगरेट से कैंसर होने का खतरा रहता है।

AVI के अनुसार ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का यह एकतरफा फैसला तंबाकू उद्योग के हितों पर आधारित है। सरकार अर्थव्यवस्था के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य और मानवाधिकारों की अनदेखी करते हुए घातक सिगरेट का समर्थन इसलिए कर रही है। इसीलिए सरकार को ई-सिगरेट से प्रतिबंध हटाना चाहिए। 

संस्था की तरफ से आगे कहा गया कि ई-सिगरेट में पारंपरिक तंबाकू नहीं होता, जिससे टार अथवा  कार्बन मोनोक्साइड जैसे घातक तत्व पैदा नहीं होते। संस्था का यह भी कहना है कि वह इस मामले में ई-सिगरेट के खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करेगा और संगठन की ओर से प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा गया है जिसमें कई लोगों के हस्ताक्षर हैं।

एक रिसर्च के अनुसार ई-सिगरेट के एरोसोल या वाष्प में सीसा, निकल, आयरन और कॉपर जैसी हानिकारक धातुओं के कणों की संख्या बढ़ी है। इन धातुओं को कार्सिनोजेन धातु भी कहा जाता है जिनसे कैंसर होने का खतरा रहता है।

अगली खबर
अन्य न्यूज़