राज्यमंत्री रविन्द वायकर ने माना, किया है अवैध निर्माण

आरे कॉलोनी में अवैध जिम बनाने के मामले में गृहनिर्माण राज्य मंत्री रविन्द्र वायकर के खिलाफ मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने 27 जून 2016 को लोकायुक्त से शिकायत की थी। इस मामले में पिछले एक साल से सुनवाई चल रही है। गुरूवार को भी इसकी पेशी हुई, जिसमें रविन्द्र वायकर की तरफ से उनके वकील लोकायुक्त के सामने पेश हुए और एक पत्र लोकायुक्त को सौंपा। जिसमें लिखा गया था कि वह जमीन हमारी नहीं है, उस जमीन को म्हाडा वापस ले ले। यानी एक तरह से वायकर ने अपनी गलती मान ली है।

इस अवैध निर्माण के खिलाफ संजय निरुपम ने 27 जून 2016 को लोकायुक्त से शिकायत की थी।  इस शिकायत में बताया गया था कि शिवसेना के नेता और राज्यमंत्री रविन्द्र वायकर ने गैरक़ानूनी रूप से गोरेगांव के आरे में 33 एकड़ जमीन पर कब्ज़ा कर वहां अवैध जिम का निर्माण कराया। जबकि जिम के लिए कानूनन 350 मीटर जगह ही मंजूर हुई थी। निरुपम ने अवैध रूप से निर्माण कार्य करने और गैरक़ानूनी रूप से जमीन कब्ज़ा करने के आरोप में वायकर पर कार्रवाई करने की मांग की थी।

उस समय तो वायकर ने अवैध निर्माण और जमीन कब्जे की बात से इनकार किया था लेकिन आख़िरकार उन्होंने यह बात कबुल कर ही ली।
लेकिन निरुपम अभी भी अपनी बात पर अड़े हुए हैं, उनका कहना है कि वायकर ने अपना गुनाह कबुल कर लिया इससे उनका गुनाह माफ़ नहीं होता। इस गुनाह के लिए उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए। अब इस मामले में अगली पेशी 3 जुलाई को होगी।


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