टीबी अस्पताल के कर्मचारी खुद टीबी का शिकार हो रहे

शिवड़ी पश्चिम स्थित टीबी अस्पताल में महाराष्ट्र के कोने कोने से मरीज अपना ईलाज कराने आते हैं। लेकिन उनकी देखरेख करने वाले कई अस्पताल के कर्मचारी ऐसे भी थे जो खुद ही टीबी का शिकार हो गये और उनकी मौत हो गयी। मंगलवार को ही एक कर्मचारी शिवानंद पोते नामके एक कर्मचारी की मौत हो गयी। ठेके पर काम करने वाले शिवानंद को किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली।

करीब 1200 मरीजों की क्षमता वाला शिवड़ी अस्पताल में इस समय कुल 800 मरीज दाखिल हैं। जबकि यहां 80 डॉक्टर, 220 नर्स और सहायक, 170 सफाई कर्मचारी और 165 वॉर्ड बॉय हैं। इस अस्पताल में कई कर्मचारी पर्सनल कारणों से आये दिन छुट्टी पर रहते हैं इसीलिए हर रोज कम से कम 200 से लेकर 215 कर्मचारियों की कमी हो जाती है। जबकि जिन कर्मचारियों की तबियत वास्तव में ख़राब हो जाती है उन्हें छुट्टी नहीं मिलती। 2005 से लेकर 2017 अप्रैल तक टीबी से करीब 52 कर्मचारी ग्रसित हुए। जिनमें से सदानंद की मौत हो गयी और एमडीआर में 4 टीबी से ग्रसित कर्मचारियों का ईलाज चल रहा है, जबकि 60 कर्मचारी घर बैठे हैं।

इस बारे में म्युनिसिपल मजदूर युनियन के सचिव डॉ. प्रदीप नारकर का कहना है कि प्रशासन की तरफ से कर्मचारियों की भारती प्रक्रिया शुरू नहीं की जा रही है। संविदा के कर्मचारी टीबी के लक्षण होने के बाद भी उन्हें छुट्टी नहीं दी जा रही है. इन कर्मचारियों के परिवार में से किसी एक सदस्य को यहाँ नौकरी देना चाहिए।

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