कामकाजी महिलाओं के लिए राज्य सरकार लागू करेगी "क्रैडल योजना"

महाराष्ट्र में "क्रैडल योजना" शुरू की जा रही है, जो राज्य की कामकाजी महिलाओं के जीवन को नई गति प्रदान करेगी और उनके छोटे बच्चों के लिए एक सुरक्षित और पौष्टिक वातावरण प्रदान करेगी। सरकार कामकाजी माताओं के बच्चों के पालन-पोषण की ज़िम्मेदारी उठाएगी। (State government will implement Cradle Scheme for working women)

345 डेकेयर सेंटर शुरू किए जाएँगे

यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे के मार्गदर्शन में क्रियान्वित की जाएगी। पहले चरण में, राज्य भर में 345 डेकेयर सेंटर शुरू किए जाएँगे। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा क्रमशः 60:40 के अनुपात में धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। केंद्र सरकार ने 29 फरवरी, 2024 को इसे मंजूरी दे दी है और यह योजना राज्य सरकार के 13 अक्टूबर, 2024 के निर्णय के अनुसार लागू होगी।

योजना की विशेषताएँ

  • 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों के लिए सुरक्षित देखभाल और डेकेयर सुविधाएँ
  • 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्री-स्टिमुलेशन, जबकि 3-6 साल के बच्चों के लिए प्री-स्कूल शिक्षा
  • नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम का पौष्टिक नाश्ता (दूध/अंडा/केला)
  • पूरक आहार, स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण, नियमित विकास निगरानी
  • बिजली, पानी और बच्चों के अनुकूल शौचालय सहित सुरक्षित वातावरण

कार्यप्रणाली

  • पालने की देखभाल महीने में 26 दिन, प्रतिदिन 7.5 घंटे जारी रहेगी
  • एक क्रेच में अधिकतम 25 बच्चों को रखा जाएगा
  • प्रशिक्षित नर्स (कम से कम 12वीं उत्तीर्ण) और सहायक (कम से कम 10वीं उत्तीर्ण)
  • आयु सीमा: 20 से 45 वर्ष, स्थानीय उम्मीदवारों को वरीयता
  • जिला स्तर पर पारदर्शी चयन प्रक्रिया स्तरीय समिति

पारिश्रमिक/भत्ते

  • पालने की देखभाल - 5500
  • पालने की देखभाल सहायक - 3000
  • आंगनवाड़ी नर्स भत्ता - 1500
  • आंगनवाड़ी सहायिका भत्ता - 750

बच्चों को मिलेगा पौष्टिक वातावरण

मंत्री अदिति तटकरे ने कहा, "इस योजना से माताओं को रोज़गार में आसानी होगी और बच्चों को सुरक्षित, शिक्षा-उन्मुख और पौष्टिक वातावरण मिलेगा। यह पहल हर माँ के लिए राहत और हर बच्चे के भविष्य की गारंटी होगी।"

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