सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला , निजता नागरिकों का मौलिक अधिकार !

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा की राइट टू प्राइवेसी नागरिकों का मौलिक अधिकार है। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने अपने फैसले में कहा कि निजता भारत के नागरिकों का मौलिक अधिकार है। जिसके बाद अब आधार कार्ड सहीत कई डिजीटल जानकारियां अब सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं होगी।

संविधान पीठ के नौ जजों की बेंच ने सुनाया है। निजता का अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट में पिछलें कई महीनों से बहस चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट में कुल 21 याचिकाएं इस बाबत दायर की गई थी। कोर्ट ने 2 अगस्त को इस मसले पर फैसला सुरक्षित रखा था।

गौरतलब है की दरअसल 1950 में 8 जजों की बेंच और 1962 में 6 जजों की बेंच ने कहा था कि 'राइट टु प्राइवेसी' मौलिक अधिकार नहीं है।

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