OMG: बड़े अस्पतालों में दमकल विभाग ने नहीं दिया फायर एनओसी, सुरक्षा राम भरोसे?

  • मुंबई लाइव टीम & सचिन धानजी
  • सिविक

दमकल विभाग ने मुंबई के अनेक अस्पतालों को फायर एनओसी देने से इनकार कर दिया है। दमकल विभाग के मुताबिक इन अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा से सम्बंधित नियमों ने अनेक खामियां हैं। अस्पतालों की यह लापरवाही काफी चिंताजनक है, कदाचित इन अस्पतालों में कभी अग्नि दुर्घटना होती है तो मरीजों सहित अस्पताल के कर्मचारियों की सुरक्षा राम भरोसे है। गौरतलब है कि मुंबई के सभी अस्पतालों (प्राइवेट-पब्लिक),  शॉपिंग मॉल्स सहित जितने भी पब्लिक प्लेस हैं वहां अग्नि सुरक्षा उपाय करना अनिवार्य है। बावजूद इसके इस नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

बड़े अस्पताल में भी खामियां 

मुंबई दमकल विभाग ने अस्पताल सहित डिलीवरी रूम में भी अग्नि सुरक्षा संबंधित उपाय करना अनिवार्य किया है, लेकिन बीएमसी के केईएम, सायन, नायर और कूपर जैसे बड़े अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा नियमों में कई खामियां पायीं गयीं हैं जिसके मद्देनजर इन अस्पतालों को दमकल विभाग ने एनओसी नहीं दी है। हालांकि प्रशासन ने यह सूचना दी है कि सार्वजानिक अस्पतालों के कुल 29 डिलीवरी रूम और 5 स्पेशल अस्पतालों में कुल 400 अग्निशमन यंत्रों की व्यवस्था की गयी है।

यही नहीं बीएमसी अस्पतालों में बांद्रा का भाभा अस्पताल, कांदिवली का डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल, बोरीवली का भगवती अस्पताल जैसे अन्य अस्पताल भी हैं जिन्हें दमकल विभाग की तरफ से एनओसी दी गयी है।

जिन अस्पतालों को दमकल विभाग की तरफ से फायर एनओसी नहीं मिली है, वे अस्पताल हैं-

जोगेश्वरी ट्रामा केअर अस्पताल

बोरीवली पूर्व स्थित सावित्रीबाई फुले अस्पताल

गोरेगाव पश्चिम का सिद्धार्थ अस्पताल

मालाड पूर्व का म. वा. देसाई अस्पताल

सांताक्रूज पूर्व स्थित वी.एन. देसाई अस्पताल

घाटकोपर पश्चिम का संत मुक्ताबाई अस्पताल

गोवंडी का शताब्दी अर्थात पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल

घाटकोपर पूर्व में स्थित राजावाड़ी अस्पताल

चेंबूर का दिवालीबेन मेहता अर्थात माँ हॉस्पिटल

कुर्ला का केबी भाभा अस्पताल

मुलुंड में स्थित स्वा. वि. दा. सावरकर अस्पताल

विक्रोलीका क्रांतिवीर महात्मा ज्योतिबा अस्पताल

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