Russia Ukraine war: मैं जहा हूं पास में ही बम गिर रहे हैं, पालघर के छात्र ने अपने परिवार से की बात

सत्यम रामू चव्हाण उनमें से एक हैं जो पढ़ाई करने के लिए भारत (india) से यूक्रेन (Ukraine) गए थे, लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद वहां फंस गए हैं। पालघर (palghar) के विक्रमगढ़ इलाके में रहने वाले 25 वर्षीय सत्यम यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। सत्यम ने अपने परिवार वालों को बताया कि यूक्रेन पर लगातार हो रहे रूसी हमले से यूक्रेन में भारी तबाही मची हुई है। सत्यम ने कहा कि वह जिस इमारत में रहता है वह यूक्रेन एयरपोर्ट के पास स्थित है, जहां सबसे ज्यादा रूसी बम गिर रहे हैं। सत्यम को चिंता इस बात की हो रही है, कि रूसी सेना की तरफ से कभी भी कोई बम उस इमारत में गिर सकता है। सत्यम का परिवार पिछले कई दिनों से सत्यम को लेकर बेहद चिंतित है। 

बात केवल एक सत्यम की नहीं है, ऐसें जाने कितने सत्यम यूक्रेन में फंसे हुए हैं जो भारतीय मदद का इंतजार कर रहे हैं।

इसी बीच एक अच्छी खबर आई। यूक्रेन में फंसे 219 भारतीयों को लेकर पहली उड़ान आज मुंबई पहुंची। इस विमान ने शनिवार दोपहर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से उड़ान भरी थी। इन भारतीयों के स्वागत के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल हवाई अड्डा पर मौजूद थे।

यूक्रेन से आने वाले छात्रों ने बताया कि वो भारत पहुंचकर बहुत खुश हैं और सरकार की ओर से की गई कार्रवाई से संतुष्ट हैं।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के हवाले से एएनआई ने बताया कि, इस संकट को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंतित थे। भारत अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

उन्होंने बताया कि आस-पास के देशों के साथ संपर्क किया गया, हेल्पलाइन एक्टिव की गई। संतोष की बात है कि आज हमारे 219 बच्चे भारत पहुंचे हैं। दूसरा बैच भी जल्द दिल्ली पहुंच जाएगा। अब लगातार प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द सभी को वापस लाया जाए। प्रधानमंत्री मोदी लगातार इस कार्यक्रम को मॉनिटर कर रहे हैं।

यूक्रेन से लौटे मेडिकल के एक छात्र ने बताया, हमें भारत सरकार पर पूरा भरोसा था कि हमें हमारे देश वापस जरूर लाया जाएगा।

तो वहीं यूक्रेन से लौटी एक छात्रा ने कहा, कि हम डरे हुए थे, लेकिन भारत सरकार की बदौलत हम सुरक्षित पहुंच गए।

बता दें कि यहां आने के बाद केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी छात्रों को एक अनिवार्य तापमान जांच से गुजरना होगा। इन्हें कोविड -19 टीकाकरण प्रमाण या एक नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। यदि वे इन दस्तावेजों को दिखाने में असमर्थ हैं, तो उन्हें हवाई अड्डे पर एक आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरना होगा, और यदि वे नेगेटिव पाए जाते हैं तो ही उन्हें जाने की अनुमति दी जाएगी।

यही नहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस बारे में राज्य के अधिकारियों को केंद्र के साथ हर संभव मदद करने का निर्देश दिया है।

बता दें कि यूक्रेन में दो दर्जन से अधिक छात्र मुंबई से हैं। साथ ही अन्य ठाणे, पालघर, रत्नागिरी, नागपुर, पुणे, औरंगाबाद, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और विभिन्न जिलों या शहरों सेवहां पढ़ाई के लिए गए हुए हैं।

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