आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा : पश्चिम रेलवे ने करोड़ो बहाए, मध्य रेलवे ने करोड़ो बचाए

पश्चिम रेलवे ने विभन्न-विभन्न रेलवे स्टेशनों पर शुरू किए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के लिए पिछले साल 2.22 करोड़ रुपया खर्च किया है। यह जानकारी पश्चिम रेलवे ने एक आरटीआई के तहत दी है। रेलवे में आए दिन होने वाली दुर्घटना से घायल होने वाले यात्रियों को सही समय पर इलाज मुहैया हो सके इसीलिए पश्चिम रेलवे ने यह स्वास्थ्य सेवा शुरू की थी। पिछले साल शुरू हुई यह स्वास्थ्य सेवा चर्चगेट, मुंबई सेंट्रल, बांद्रा, अंधेरी, गोरेगाव, कांदिवली, बोरिवली, वसई रोड, विरार और पालघर जैसे स्टेशन पर किए गए हैं।

जबकि अचरज की बात यह है कि ठीक यही स्वास्थ्य सेवा मध्य रेलवे ने वन रूपी सेवा योजना शुरू कर अपने खर्च में करोड़ो रूपये की बचत की है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एक आरटीआई द्वारा पश्चिम रेलवे से यह जानकारी मांगी थी कि पश्चिम रेलवे ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के लिए कितने रूपये खर्च किया है। पश्चिम रेलवे के मेडिकल अधिकारी डॉ. जी.के सिंह ने फरवरी 2016 से जनवरी 2017 तक की जानकारी देते हुए बताया कि इस समय में पश्चिम रेलवे ने स्वास्थ्य सेवा पर 2 करोड़ 21 लाख 71 हजार 145 रुपये खर्च किया है। रेलवे ने इस कार्य के लिए प्रिंसीपल सिक्युरिटीज एंड एलाईड सर्विसेस कंपनी को ठेका दिया है। दो साल के लिए दिए गये इस ठेका के लिए लाइसेंस शुल्क कुछ भी नहीं लिया गया है। पश्चिम रेलवे ने डिपोजिट के तौर पर 4 लाख 60 हाजर140 रूपये लिया है, जबकि ठेकेदार से परफोर्मेंस के तौर पर 30 लाख 08 हजार 358 रूपये लिए गये थे।

यह कितनी हैरानी की बात है कि एक तरफ पश्चिम रेलवे स्वास्थ्य सेवा पर करोड़ो रुपया पानी की तरह बहा रही है जबकि मध्य रेलवे ने वन रूपी योजना शुरू कर एक नई पहल करते हुए अपने करोड़ो रूपये बचाए हैं।

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