बोगस पैथोलॉजी सेंटरों पर कार्रवाई कब ?

एक ओर जहां केंद्र सरकार ने गरीब मरीजों के लिए स्टेंट की कीमतों में कमी की तो वहीँ दूसरी ओर जेनेरिक जैसी सस्ती दवाओं को भी अनिवार्य बना दिया। हालांकि राज्य और केंद्र सरकार मरीजों के लिए कई कार्य तो कर रहे हैं लेकिन गली गली उगे बोगस पैथोलॉजी सेंटरों का क्या, जो गरीब मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।  सरकार बोगस पैथोलॉजी लैबों के बारे में गंभीर नहीं हैं।

यह भी पढ़े : ‘बोगस डाक्टरों और पैथोलॉजिस्ट पर हो कार्रवाई’

महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ प्रैक्टिसिंग पैथोलॉजिस्ट एंड माइक्रोबोलॉजिस्ट' (एमएपीपीएम) संघ चाहता है कि राज्य और केंद्र सरकार अवैध प्रयोगशालाओं के खिलाफ कार्रवाई करे।एमएपीपीएम के अध्यक्ष डॉ संदीप यादव का कहना है कि हम लंबे समय से मांग करते रहे हैं लेकिन इन फर्जी प्रयोगशालाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह राज्य सरकार की निराशाजनक रवैया की वजह से है.

यह भी पढ़े : दहिसर के डॉक्टर मूक मोर्चे पर, 3 हजार पैथोलॉजी लैब बंद

यादव का आगे कहना है कि राज्य सरकार ने फर्स्ट पैथोलॉजी लैबों के बारे में अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया था जिसका नेतृत्व डॉ पी.टी वाकोद ने किया था। समिति ने तब सरकार को रिपोर्ट भेजी। लेकिन एसोसिएशन को दोषी ठहराए जाने वाले रिपोर्ट के बाद कुछ भी नहीं किया गया।


डाउनलोड करें Mumbai live APP और रहें हर छोटी बड़ी खबर से अपडेट।

मुंबई से जुड़ी हर खबर की ताज़ा अपडेट पाने के लिए Mumbai live के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें।

(नीचे दिए गये कमेंट बॉक्स में जाकर स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया दे) 

अगली खबर
अन्य न्यूज़