मुंबई पुलिस (MUMBAI police') ने अपने सर्वेक्षण में पाया कि मुंबई की लगभग 72 प्रतिशत मस्जिदें ध्वनि प्रदूषण नियमों का पालन करने के लिए सुबह की नमाज़ (अज़ान) के दौरान अपनी आवाज़ बहुत कम रख रही हैं। वहीं, शहर की कई मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मस्जिदों ने सुबह की अजान के लिए स्वेच्छा से लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद कर दिया है, क्योंकि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच इस तरह के स्पीकर का इस्तेमाल कानून द्वारा प्रतिबंधित है।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि उपरोक्त में से कुछ सर्वेक्षण मनसे प्रमुख राज ठाकरे के भाषण से पहले किए गए थे और कुछ उनके भाषण के बाद किए गए थे।मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोगों ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन भेजना शुरू कर दिया है।
इसके अतिरिक्त, राज्य साइबर पुलिस ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी सतर्कता तेज कर दी है ताकि उन तत्वों की पहचान की जा सके जो सांप्रदायिक घृणा संदेश और अफवाहें फैला रहे हैं।
सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकरों को लेकर पिछले कुछ हफ्तों में राज्य का ध्यान खींचा गया है। कथित तौर पर, यह तब शुरू हुआ जब ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर इन लाउडस्पीकरों को नहीं हटाया गया, तो मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा बजाएंगे।