मुंबई के डोंगरी इलाके में एक मज़दूर सगीर जमील खान की मौत हो गई है। मजदूर के साथियों का कहना है कि, पुलिस की पिटाई से यह मौत हुई है। जबकि पुलिस इस आरोप को सिरे से नकारते हुए कह रही है कि, मजदूर की मौत दिल की बीमारी के कारण हुई है।
क्या है मामला?
रिपोर्ट के अनुसार सगीर के साथ रहने वाले एक अन्य मजदूर का आरोप है कि, सगीर शनिवार को नल बाजार इलाके में एक रेफ्रिजरेटर देने के लिए ठेला चला रहा था, तभी पुलिस ने डोंगरी में फूलवाली गली में उसे पकड़ लिया और उसके सिर, पैर और पीठ पर काफी मारा और उसे छोड़ दिया। सगीर जब घर पहुंचा तो रात में खाना खाते समय खान अचानक से गिर पड़ा, तो उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हालांकि, ज़ोन एक के पुलिस उपायुक्त संग्रामसिंह निशानदार ने बताया कि सगीर की मेडिकल रिपोर्ट में मौत का कारण दिल की धड़कन का बढ़ना बताया गया है। उस के शरीर पर कोई बाहरी या आंतरिक चोट नहीं थी।
निशानदार ने आगे कहा कि, पुलिस पर लगाए गए आरोप झूठे और निराधार हैं, क्योंकि सड़क का सीसीटीवी फुटेज उसे उस जगह से काफी दूरी से गुजरते हुए दिखाता है, जहां पुलिस की नकाबंदी थी। अधिकारी ने कहा, मेडिकल परीक्षण के बाद शव को उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया जाएगा
इस मामले पर जेजे मार्ग पुलिस ने आकस्मिक मौत रिपोर्ट दर्ज किया है।
आपको बता दें कि इसके पहले भी पुलिस पर एक और शख्स की पिटाई करने और पिटाई के बाद उसकी मौत का आरोप लगा है। पिछले महीने मजदूर राजू वेलू देवेंद्र के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि जब देवेंद्र नेहरू नगर इलाके में तालाबंदी के दौरान अपने घर लौट रहा था तभी पुलिस ने उसे रोका और उसे मारना शुरू कर दिया। इसके बाद देवेंद्र की मौत हो गयी। हालांकि, पुलिस ने आरोपों का खंडन किया। पुलिस ने दावा किया कि मृतक को क्षेत्र के निवासियों की तरफ से पीट-पीट कर मार दिया गया था, जब वह लूट का प्रयास कर रहा था।
इस घटना पर पुलिस ने तब आठ लोगों के खिलाफ हत्या और दंगा करने के लिए मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच अभी तक चल रही है।