EMI पर मोबाइल खरीदने से पहले पढ़े यह यह खबर

ऑनलाइन फ्राड कर लोगों को ठगने का मामला लगातार सामने आता जा रहा है। पुलिस ने ऐसे ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो बजाज फाइनेंस की वेबसाइट से आम लोगों की जानकारियां चुरा कर उनका नकली आईडी बनाते और फिर ऑनलाइन शॉपिंग करते थे। पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया है और इस बात का पता लगा रही है कि क्या इस मामले में और भी आरोपियों की भी मिलीभगत है या नहीं?

क्या है मामला?

इस मामले के मुताबिक कुर्ला नेहरू नगर इलाके में रहने वाले गिरीश बने ने 20 जून को भोईवाड़ा मार्केट में स्थित भवल इलेक्ट्रॉनिक्स नामकी दुकान से 29 हजार रूपये का मोबाइल ख़रीदा था। गिरीश ने यह मोबाइल बजाज फाइनेंस कंपनी से ईएमआई पर करवाया था। मोबाइल खरीदते समय गिरीश ने इस फाइनेंस कंपनी को अभ्युदय बैंक का चेक दिया था, जबकि गिरिश को हर महीने ईएमआई के रूप में 3625 रूपये चुकाने थे। 21 जून के दिन गिरीश के घर सीपीपी ग्रुप इंडिया कंपनी की तरफ से एक व्यक्ति मोबाइल लेकर आया। गिरीश को उस समय झटका लगा जब उस व्यक्ति ने बताया कि उसके नाम से 3 सैमसंग का मोबाइल खरीदा गया है।

गिरीश बने ने भवल इलेक्ट्रॉनिक्स में जब पूछताछ की तो वहां से पता चला कि उसे फंसाया गया है। आरोपियों ने बजाज फाइनेंस कंपनी वेबसाइट से गिरीश की जानकारी चुरा कर उसका नकली आधार और पैन कार्ड बनाया। इसके आधार पर आरोपियों ने अंबरनाथ स्थित रिद्धि सिद्धि इलेक्ट्रॉनिक्स शॉप से गिरीश के नाम पर 1.44 हजार रूपये के 3 मोबाइल ख़रीदा।  

आपको बता दें कि बजाज फाइनेंस कंपनी कई शोरुम और डीलरों से टाइअप करके ग्राहकों को कर्ज देने का काम करती है। इस गोरखधंदे की जानकारी रमीज शेख को अच्छी तरह से थी क्योंकि वह भी एक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी में काम करता था। नौकरी छोड़ने के बाद रमीज ने उस कंपनी से डाटा चुरा लिया था जिसके बाद उसने भी नकली आईडी बना कर महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान खरीदे थे, जिसमें दोनों आरोपी भी शामिल थे।

पुलिस जांच में सामने आया कि इन तीनों के गिरोह ने कल्याण, ठाणे, मीरा-भायंदर जैसे इलाकों में 15 से अधिक ट्रांजेक्शन करके 33 लाख रूपये के सामान खरीदे थे। अब पुलिस आगे की जांच में जुट गयी है।

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