परिजनों ने घर में घुसने नहीं दिया तो नाराज युवक ने गंगा में कूदकर दे दी जान

यह कोरोना महामारी न केवल लोगों की जान ले रही है बल्कि रिश्तों में दरार भी पैदा कर रही है। इसी कड़ी में एक शख्स अपने परिवार सहित मुंबई से बनारस अपने गांव गया। लेकिन घर वालों ने डर के मारे उसे घर मे घुसने नहीं दिया। यही हाल युवक के सुसराल वालों ने भी किया। परिवार वालों की बेरूखी से युवक इतना आहत हुआ कि उसने गंगा में कूद कर अपनी जान दे दी।

रिपोर्ट के अनुसार 35 वर्षीय सुधीर पांडेय मुंबई में प्राइवेट नौकरी करके अपना घर चलाता था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया और सुधीर की नौकरी छूट गयी। खाने पीने के लाले होता देख सुधीर अपनी पत्नी और एक साल की बेटी को लेकर किसी तरह से अपने गांव गाजीपुर पहुंचा। लेकिन घर पहुंचने पर घर वालों ने उसे बाहर ही रोक दिया और कोरोना जांच कराने के बाद ही आने की चेतावनी दी। 

निराश होकर सुधीर ने पत्नी और बच्चे के साथ बलिया स्थित ससुराल चला गया। इस बात 

की सूचना सुधीर की पत्नी ने जब अपने घर वालों को दी तो उन्होंने भी घर मे आने से साफ मना कर दिया। अब सुधीर करे तो करे क्या? वह अब कहाँ जाएं उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।

इसी तरह से रात हो गयी। रात के करीब दो बज रहे थे। सुधीर ने अब्दुल हमीद सेतु पर गाड़ी रुकवाई। कार से उतरकर उसने पत्नी-बेटी की ओर देखा। जब तक कोई कुछ समझ पाता सुधीर ने पुल से गंगा में छलांग लगा दी। यह देख पत्नी के होश उड़ गए। पत्नी की चीख सुनकर आस पास मौजूद कुछ लोग मौके पर पहुंचे। इसी बीच पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। काफी तलाश के बाद बुधवार सुबह नदी से शव बरामद हुआ। 

पुलिस पूछताछ में पत्नी ने बताया कि, उसके मायके और ससुराल के लोग ही उसके पति की मौत के जिम्मेदार हैं। घर में बाहर भी एक कमरे में रहने दिया होता तो शायद सुधीर आत्मघाती कदम नहीं उठाते।

बताया जाता है कि सुधीर ने अपनी पत्नी रेणु के साथ प्रेम विवाह किया था।

स्थानीय थाना इंचार्ज ने बताया कि कोरोना के डर से परिजनों ने परिवार को घर में नहीं घुसने दिया। इससे क्षुब्ध होकर युवक गंगा में कूद गया। अभी किसी की ओर से तहरीर नहीं मिली है।  

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