फरार जलीस अंसारी कानपुर से हुआ गिरफ्तार

 

उत्तर प्रदेश की एटीएस ने 1993 में मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट (mumbai Bomb blast) के दोषी और सजायाफ्ता डॉ. जलीस अंसारी 68 वर्षीय जलीस अंसारी (Dr. jalil ansari) को कानपूर (kanpur) से गिरफ्तार कर लिया। अंसारी 16 जनवरी को अपने घर से सुबह नमाज पढ़ने के लिए निकला था लेकिन फिर वापस नहीं गया। वह 21 दिन के पेरोल पर बाहर था। उत्तर प्रदेश पुलिस के  मुताबिक वह नेपाल के रास्ते देश से भागने की फिराक में था। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है।

पैरोल पर था बाहर 

जांच अधिकारी के अनुसार, अंसारी मुंबई के अग्रीपाडा थाने के अंतर्गत मोमिनपुर का रहने वाला है और वह अजमेर की जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। वह देश के विभिन्न हिस्सों में हुए कई धमाकों में सदिंग्ध है। उन्होंने बताया कि अंसारी को राजस्थान स्थित अजमेर केंद्रीय कारागार से 21 दिनों के पैरोल पर रिहा किया गया था और शुक्रवार को उसे जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करना था।

करना था आत्मसमर्पण 

अधिकारी ने बताया कि पैरोल की अवधि के दौरान अंसारी को रोजाना सुबह साढ़े दस बजे से 12 बजे के बीच अग्रीपाडा थाने आकर हाजिरी लगाने को कहा गया था लेकिन वह गुरुवार को निर्धारित समय पर नहीं पहुंचा। उन्होंने बताया कि दोपहर को अंसारी का 35 वर्षीय बेट जैद अंसारी पुलिस थाने पहुंचा और पिता के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के मुताबिक जलीस अंसारी तड़के उठा और घरवालों से नमाज पढ़ने की बात कहकर निकला लेकिन वापस नहीं लौटा। 

डॉ. बम के नाम से था मशहूर

अंसारी का नाम देश के अलग-अलग हिस्सों में 50 से ज्यादा बम धमाकों में शामिल था जिसके चलते उसे 'डॉ. बम' कहा जाता था। इसके अलावा राजस्थान में पांच अलग-अलग जगहों पर 5 और 6 दिसंबर, 1993 को हुए बम धमाकों में भी उसका हाथ होने की बात कही जाती है। उसे सबसे पहले 1994 में सीबीआई ने राजधानी एक्सप्रेस में बम लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह पुणे के ब्लास्ट में भी आरोपी है। यही नहीं इस पर 1992 में बाबरी मस्जिद कांड के बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बम लगाए थे।

पढ़ें: अजमेर बम धमाके का दोषी लापता

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