Palghar mob linching: 9 नाबालिग सहित कुल 101 लोग गिरफ्तार

पालघर में सैकड़ों लोगों द्वारा तीन साधुओं की हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुल 101 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमे 9 लोग नाबालिग हैं। बता दें कि 16 अप्रैल को पालघर के डहाणू में स्थित गडचिंचले में यह घटना घटी थी।

क्या है मामला?

गुरुवार की शाम दो साधु एक वाहन से कांदिवली से ड्राइवर के साथ सूरत के लिए निकले थे, जहां उन्हें एक शवयात्रा में शामिल होना था। पालघर के जिस गांव से होकर गुजर रहे थे वहां बच्चा चोरी की अफवाह फैली थी। अफवाह थी कि लॉकडाउन की आड़ में बच्चों का अपहरण कर उनकी किडनी निकाली जा रही है।

इसी अफवाह की आड़ में ये तीनों लोग गांव वालों की चपेट में आ गए। करीब 200 लोगों की भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में ही तीनों लोगों की लाठी, डंडे और पत्थरों से पीट-पीट कर हत्या कर दी।

इस जघन्य हत्याकांड का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

घटना की सूचना मिलते ही कासा पुलिस मौके पर पहुंची।  उनके साथ जिला परिषद सदस्य काशीनाथ चौधरी भी थे।  उन सभी ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की।  हालांकि, शांत होने के बजाय, भीड़ ने हमला किया और पुलिस की गाड़ी पर पत्थर फेंके।

 मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना को गंभीरता से लिया है।  जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।  यह घटना दुखद है।  उन्होंने कहा कि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।

पूरे मामले पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने जानकारी दी है. अनिल देशमुख ने कहा, ''मुंबई से सूरत जाने वाले 3 लोगों की पालघर में हुई हत्याकांड में 101 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं. इस घटना को विवादास्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नजर रखेगी.''

इस मामले में बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया, ''महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया। ये घटना गुरुवार की है। आज तक सारे liberals पूरी तरह से ख़ामोश हैं। कोई लोकतंत्र या संबिधान की दुहाई नहीं दे रहा। देंगे भी क्यों ..ये तो संतो की मृत्यु हुई है, कौन पूछता है संतो को??''

बता दें कि इस मामले में श्री पंचदशानम जूना अखाड़े ने भी चिट्ठी लिखकर जांच की मांग की है। हमारी भी अपील है कि कोरोना के इस संकटकाल में अफवाहों से बचिए। ये वक्त मिलकर कोरोना से लड़ने का है ना कि अफवाहों में पड़ने का।

यही नही इस घटना का तमाम फिल्मी सितारों ने भी विरोध किया है।

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