अगर आप भी करते है पोस्ट ऑफिस में बचत, तो हो जाए सावधान !

कई लोग पोस्ट ऑफिस में पिछलें कई सालों से पैसे जमा करते आ रहे है। पोस्ट ऑफिस पारंपरिक बचत खाता के रुप में मशहुर होने के कारण कई बार इसमें बचत करनेवाले लोग एजेंट पर ही अपना पूरा भरोसा जता देते है, और उसे ही हर महीने या हर साल अपना पैसा जमा करने को देते है। लेकिन अगर आप भी ऐसा करते है तो इस खबर के बाद अपने आप को थोड़ा सतर्क कर लिजिएगा। क्योकी ये जरुरी नहीं की आप जिसपर आख बंद करके भरोसा कर रहे है वो आपके भरोसे पर खरा उतरे ।

मोरी रोड पोस्ट ऑफिस में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इस पोस्ट ऑफिस में करोड़ो की हेराफेरी के आरोप लगे है, ये सारे रुपये आम लोगों के मेहनत की कमाई के थे जिन्हे वे पोस्ट ऑफिस के जरिए बचाना चाहते थे। दरअसल मोरी रोड पोस्ट ऑफिस के 3800 खाताधारकों 7 हजार से भी ज्यादा नोटिस जारी किये गए है। इन सभी खाताधारको ने पोस्ट ऑफिस के एजेंट के पास अपने हर महीने के पैसे को जमा कराया , लेकिन उस एजेंट ने ग्राहकों को धोखा देकर उनके पैसे पोस्ट ऑफिस में जमा नहीं किए।

इस मामले में पोस्ट ऑफिस एजेंट रमेश भट उनकी पत्नी योगिता भट और बेटी भूमिका भट के खिलाफ माहिम पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज की गई है। शिकायत दर्ज होने के बाद पूरा परिवार फरार है।

माहिम पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मिलिंद इडेकर का कहना है की आरोपी ने खाता धारकों से यह कह कर पैसा लिया कि पैसा पोस्ट ऑफिस में निवेश किया जाएगा, लेकिन वास्तव में यह पैसा पोस्ट ऑफिस में पहुंचा ही नहीं। इस मामले में हमने तीनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, और अब तक 40 लोगों ने अपनी शिकायत इस मामले में दर्ज कराई है।

रमेश भट ने पोस्ट ऑफिस एजेंट के रूप में काम किया और माहीम के मोरी रोड पोस्ट ऑफिस कार्यालय में कई सालों तक कार्य किया। रमेश भट की बेटी भी अपने पिता के साथ पोस्ट ऑफिस एजेंट का काम करती थी। लेकिन सभी निवेशकों को जब इस बात का पता चला की उनके पैसे पोस्ट ऑफिस तक पहुंचे ही नही तो उनके पैरो से जमीन खिसक गई।

कैसे खुला मामला -

निजी ट्यूटर आशा मंडलिक (53) ने ट्यूसन लेकर अपनी पाई पाई बचाकर 26 लाख रुपये रमेश भट को पोस्ट ऑफिस में जमा करने के लिए दिए थे, उस यह एफडी 2017 में परिपक्व होनी थी। इसी बीच आशा ने उसी एजेंट के जरिए कई और स्किम में पैसे लगाए , लेकिन जब उसे ब्याज आना बंद हो गया तो उसने एजेंट से इस बारे में पुछा। एजेंट ने भी इस जवाब पर ताल मटोल करने लगा।

जब मंडलिक को एजेंटपर शक हुआ तो उसने पोस्ट ऑफिस में इस बारे में पता। जहां पोस्ट ऑफिस कार्यालय ने उसे बताया की उसके नाम पर सिर्फ 3000 रुपये जमा की गई थी। जिसके बाद आशा ने तुरंत इस बात की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में की।

माहिम इलाके में रहनेवाले सचिन वैद्य को भी इसी तरह धोखे में रखआ गया और उनका 30 लाख रुपया जमा नहीं किया गया। सचिन वैद्य का कहना है की इससे पहले उनके माता पिता भी रमेश भट के पास ही पैसा जमा करते थे। 1998 के बाद से हम रमेश के जरिए ही पैसा जमा करते थे। हम जब कभी भी पोस्ट ऑफिस में पुछताछ के लिए जाते थे तो पोस्ट ऑफिस का स्टॉफ हमें वापस भेज देता था।

जब मोरी रोड पोस्ट ऑफिस सहायक पोस्ट मास्टर जनरल से इस बारे में संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल पूछताछ जारी है।

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