Sheena Bora murder Case: पीटर मुखर्जी को 4 साल बाद मिली जमानत

 

बहुचर्चित शीना बोरा मर्डर केस (sheena bora murder case) में आखिरकार बॉम्बे हाईकोर्ट (bombay high court) ने 4 साल बाद पीटर मुखर्जी (peter mukerjea) को जमानत दे ही दी। हालांकि कोर्ट ने पीटर को कुछ शर्तों के साथ ही यह जमानत दी है। कोर्ट ने इस जमानत के लिए पीटर से 2 लाख रुपए जमा करने को कहा है। जमानत का आदेश 6 सप्ताह के लिए रुका था ताकि अभियोजन सुप्रीम कोर्ट से संपर्क कर सके। बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत देते समय पीटर मुखर्जी के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं देखा। बॉम्बे हाईकोर्ट का कहना है कि प्रथम दृष्टया अपराध में शामिल होने का कोई सबूत नहीं है। हालांकि कोर्ट के इस निर्णय का सीबीआई ने विरोध किया।

गुरुवार को हुई सुनवाई में पीटर के वकील ने अदालत को बताया कि, इस केस में पीटर के खिलाफ कोई भी मुख्य गवाह या सबूत नहीं है, जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ पीटर की जमानत अर्जी को मंजूरी दे दी। 

जस्टिस सैम्ब्रे के अनुसार कोर्ट ने जो शर्त पीटर मुखर्जी के सामने रखी है उसके अनुसार पीटर अपने बच्चों राहुल और विधि से संपर्क नहीं कर सकते और पीटर को देश से बाहर जाने की अनुमति नहीं  है।

शीना बोरा मर्डर मामले के आरोपी पीटर इस समय आर्थर रोड (arthur road jail) जेल में हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अपनी जमानत को लेकर कोर्ट में याचिका दायर कहा था कि, उनकी बाईपास सर्जरी हुई है इसीलिए उन्हें मेडिकल कारणों के तहत जमानत दी जाए, लेकिन कोर्ट ने पीटर की इस अर्जी को नामंजूर कर दिया। जिसके बाद पीटर ने हाई कोर्ट में इस याचिका को दायर किया।

हालांकि कोर्ट के इस निर्णय के सीबीआई के वकील एडवोकेट एजाज खान ने काफी विरोध किया। खान ने कहा कि, जिस मेडिकल कारण का हवाला पीटर दे रहे हैं वह निराधार है, यह सुविधा इन्हें जेल में भी उपलब्ध कराई जा सकती है, लेकिन खान के दलील को कोर्ट ने नहीं माना।

गौरतलब है कि शीना बोरा हत्याकांड मामले में इंद्राणी मुखर्जी (indrani mukerjia) और पीटर मुखर्जी साल 2015 से ही जेल में बंद हैं। दोनों को अलग-अलग जेल में रखा गया है। फिलहाल शीना बोरा हत्याकांड मामले में दोनों के खिलाफ ट्रायल चल रहा है।  

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